लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही राजस्थान की राजनीति करवट बदल रही है। इन दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच अनबन की खबरें जगजाहिर हैं। अशोक गहलोत जहाँ अपने बेटे वैभव गहलोत की हार के लिए सचिन पायलट को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं सचिन पायलट के समर्थक मंत्री, विधायक और पार्टी पदाधिकारी प्रदेश की सभी 25 सीटों पर हार के लिए गहलोत को जिम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफे की माँग कर चुके हैं। इसके साथ ही पायलट के समर्थक अशोक गहलोत की जगह सचिन पायलट को सीएम बनाने के स्वर बुलंद कर रहे हैं।
मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए गहलोत को अपनी कुर्सी जाने का भय सता रहा है। इसलिए वो इस सियासी तूफान के थमने का इंतजार कर रहे हैं और दिल्ली में लगातार कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। गहलोत पिछले तीन दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और पार्टी नेतृत्व को प्रदेश में हुई हार के कारण गिनाने में जुटे हैं। इसके साथ ही वो अहमद पटेल, मुकुल वासनिक व अविनाश पांडे से मुलाकात कर उनकी मदद से कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, सचिन पायलट इन दिनों राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में घूम रहे हैं। इसी सिलसिले में वो रविवार (जून 9, 2019) देर शाम जालोर जिले के कासेला गाँव में जनता के बीच पहुँचे। पायलट ने कासेला गाँव के ही एक किसान जय किशन के खेत में रात गुजारी। इस दौरान वो उप मुख्यमंत्री होने के बावजूद एक आम नागरिक की तरह नजर आए। सचिन पायलट ने किसानों के बीच न केवल वक्त गुजारा बल्कि उन्होंने खुले आसमान में खाट पर बैठकर खाना भी खाया। सचिन पायलट ने अपने इस दौरे पर स्थानीय जनता से बातचीत भी की। पायलट गहलोत के राजनीतिक कार्यक्षेत्र के विधायकों व कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करके पार्टी काडर के बीच अपनी जमीन और मजबूत करने में लगे हुए हैं।
सचिन पायलट ने ट्वीट में लिखा, “सांचोर के ग्राम कासेला में रात्रि विश्राम के दौरान ग्रामीणों से मुलाकात करके बहुत खुशी हुई। किसान जयकिशन जी एवं उनके परिवार और यहाँ की जनता से मेरा मन पूरी तरह से जुड़ा हुआ है, दो साल पहले भी मैं इसी गाँव में रूका था। आपके द्वारा किए गए आदर-सत्कार एवं स्नेह के लिए मैं आभारी हूँ।”