दिल्ली शराब घोटाले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। आरोप है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी ने खालिस्तानी आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से फंडिंग ली है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसकी आतंक निरोधी एजेंसी NIA से जाँच कराने की सिफारिश की है।
दरअसल, इस संबंध में उपराज्यपाल को एक शिकायत मिली थी। शिकायत में कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP को देवेंद्र पाल भुल्लर को रिहा करने और खालिस्तान समर्थक भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए फंड मिले थे। इसके लिए खालिस्तानी आतंकी समूहों से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 133.60 करोड़ रुपए) मिले थे।
दरअसल, वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन इंडिया की राष्ट्रीय महासचिव आशू मोंगिया और आम आदमी पार्टी के पूर्व कार्यकर्ता मुनीश कुमार रायजादा ने इस संबंध में 1 अप्रैल 2024 को उपराज्यपाल को पत्र लिखा था। इसमें आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर लेने का आरोप लगाया गया था।
पत्र में कहा गया था कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने यह रकम 2014 से लेकर 2022 के बीच में खालिस्तानी संगठन से ली है। इसमें यह भी कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल और खालिस्तान समर्थक सिखों के बीच साल 2014 में अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित गुरुद्वारा रिचमंड हिल्स में एक बैठक हुई थी। इस बैठक में केजरीवाल ने खालिस्तानी देवेंद्र पाल भुल्लर को रिहा करने का वादा किया था।
उपराज्यपाल द्वारा केंद्रीय गृह सचिव को NIA जाँच के लिए लिखी गई चिट्ठी के अनुसार, भुल्लर को रिहा करने के बदले में अरविंद केजरीवाल ने अपनी आम आदमी पार्टी के लिए वित्तीय सहायता की माँग की थी। इस बैठक की तस्वीरें रायजादा ने अपने सोशल मीडिया साइट X (पहले ट्विटर) पर साल 2014 में साझा भी की थी।
आम आदमी पार्टी के पूर्व कार्यकर्ता मनीश कुमार रायजादा और आशू मोंगिया द्वारा लिखी गई चिट्ठी के आधार पर उपराज्य ने अपने पत्र में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 27 जनवरी 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर प्रोफेसर भुल्लर को क्षमा देने की भी अपील की थी।