कलेक्टर ने बताई ड्राइवर को औकात तो मध्य प्रदेश सीएम मोहन यादव ने बता दी उसकी हद कहा: ऐसी भाषा हमारी सरकार में बर्दाश्त नहीं…

ड्राइवर से 'औकात' की बात करने वाले शाजापुर के कलक्टर किशोर कन्याल को मध्य प्रदेश के CM मोहन यादव ने स्थानांतरित किया (फोटो साभार: X/फेसबुक)

मध्य प्रदेश सरकार अफसरशाही और आम लोगों से बुरे बर्ताव को बख्शने की मूड में नहीं है। इसका सुबूत मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने अपनी कार्रवाई से दे दिया है। दरअसल शाजापुर के कलेक्टर किशोर कन्याल द्वारा अपनी परेशानी लेकर आए ट्रक डाइवरों को ‘तुम्हारी क्या औकात है’ कहने पर हटा दिया गया है।

शाजापुर के कलेक्टर किशोर कन्याल ने एक ड्राइवर से बदतमीजी करते हुए उसकी औकात पूछ डाली थी। फिर क्या था, सरकार ने कलेक्टर कन्याल को उनके जिले शाजापुर से रवाना कर दिया। उनकी जगह नरसिंहपुर कलेक्टर ऋजु बाफना को शाजापुर के नए नया कलेक्टर के तौर पर तैनाती दी गई।

मध्य प्रदेश के सीएम, ‘मैं कभी क्षमा नहीं करूँगा’

सीएम मोहन यादव ने इस कार्रवाई से सरकारी अधिकारियों को सख्त मैसेज दे दिया है कि अगर वो जनता के साथ सही तरीके से पेश नहीं आते हैं तो वे कार्रवाई के लिए तैयार रहें। सीएम यादव ने कहा, “मेरे ध्यान में लाया गया है कि कल ट्रक ड्राइवर और जिला प्रशासन की बैठक में शाजापुर के अंदर जिस प्रकार से भाषा बोली गई है, एक अधिकारी का ऐसी भाषा बोलना उचित नहीं है। ये सरकार गरीबों की सरकार है। यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में हम गरीब उत्थान के लिए काम करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “हर एक अधिकारी को… चाहे वो जितना भी बड़ा अधिकारी हो, उसे काम का सम्मान करना चाहिए और भाव का भी सम्मान करना चाहिए। इसलिए मनुष्यता के नाते ऐसी भाषा कम-से-कम हमारी सरकार में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मैं खुद मजदूर का बेटा हूँ। इस नाते मैं उम्मीद करता हूँ कि अगर इस तरह से अधिकारी भाषा बोलते हैं तो उनको मैदान में रहने का अधिकार नहीं है।”

सीएम मोहन यादव ने कहा, “मै उम्मीद करता हूँ कि दोबारा जो अधिकारी आएगा वो इस तरह की भाषा का और व्यवहार का ध्यान रखेगा। इस तरह की जो भाषा बोली जाती है, उसको लेकर मेरे मन में बहुत पीड़ा होती है। मैं कभी क्षमा नहीं करूँगा इस तरह की बातों को।”

कलेक्टर ने माँग ली थी माफी

दरअसल शाजापुर के कलेक्टर किशोर कन्याल और ट्रक ड्राइवर्स की हड़ताल के बीच का एक वीडियो मंगलवार (2 जनवरी 2024) को सोशल मीडिया पर आया था। इस बैठक के दौरान कलेक्टर कान्याल ड्राइवर से ‘औकात’ पूछते दिख रहे हैं। हालाँकि, मीडिया में बवाल होने के बाद उन्होंने अपने शब्दों के चयन पर अफसोस जताते हुए माफी माँग ली थी।

कलेक्टर कान्याल ने कहा था, “जिला और पुलिस प्रशासन ने जिले के 250 ड्राइवर्स की कलेक्टर ऑफिस में बैठक बुलाई थी। सोमवार को उनमें से कई ड्राइवर्स ने बहुत उपद्रव मचाया था। इसी वजह से इस बैठक में ड्राइवरों को समझाया जा रहा था वो कि कानून को हाथ में न लें। लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध जताएँ।”

उन्होंने आगे कहा था, “इस दौरान बैठक में शामिल एक व्यक्ति बार-बार बातचीत में खलल डाल रहा था और कह रहा था कि 3 जनवरी 2024 तक हमारी माँगे नहीं मानी गई तो हम किसी भी स्तर पर जा सकते हैं। इसी दौरान मेरे मुँह से शब्द निकल गया था। यदि किसी को मेरी बातचीत से दुख पहुँचा हो तो माफी चाहता हूँ।”

‘हिट-एंड-रन’ नए कानून पर बवाल

केंद्र सरकार के ‘हिट-एंड-रन’ वाले नए कानून को वापस लेने की माँग को लेकर 1 जनवरी और 2 जनवरी 2024 को देशभर में प्रदर्शन हुए थे। मध्य प्रदेश में भी ड्राइवर काम ठप करके अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इससे आम लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। शाजापुर जिले में ड्राइवर्स एसोसिएशन से बातचीत के लिए प्रशासन ने बैठक बुलाई थी। इसी बैठक के दौरान कलेक्टर के मुँह से एक ड्राइवर के लिए ‘औकात’ शब्द निकल गया था।

वाहन चालकों से जुड़े ‘हिट-एंड-रन’ दुर्घटना मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPS) के प्रावधानों की जगह नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) के प्रावधान लाए गए हैं। इसके तहत लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना की वजह बनने वाले शख्स पर कार्रवाई करने के साथ ही उसके पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बगैर फरार होने पर 10 साल तक की सजा या 7 लाख रुपए तक के जुर्माना हो सकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया