पूर्व PM को राज्यसभा भेजने के लिए दूसरी पार्टी से मदद की गुहार, कॉन्ग्रेस की हालत जार-जार

मनमोहन सिंह को राज्यसभा भेजने के लिए कॉन्ग्रेस दूसरी पार्टियों पर आश्रित

पूर्व प्रधानमंत्री और राज्यसभा में कॉन्ग्रेस पार्टी से सदस्य डॉ मनमोहन सिंह को एक बार फिर सदन तक पहुँचाने के लिए पार्टी खूब कोशिश कर रही है।

पाँच बार उच्च सदन के सदस्य रह चुके पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कार्यकाल 15 जून को पूरा चुका है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब पार्टी उन्हें तमिलनाडु से राज्यसभा भेजने की तैयारी में जुटी है। इसलिए कॉन्ग्रेस पार्टी ने तमिलनाडु में अपनी सहयोगी पार्टी डीएमके से उसकी तीन सीटों में से एक सीट माँगी है।

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बता दें सूबे की 6 राज्यसभा सीटों पर इस महीने चुनाव होना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें से तीन सीटें डीएमके के खाते में जा सकती हैं और बाकी की सीटें एआईएडीएमके के हिस्से में जाएँगी। लेकिन तमिलनाडु की राजनीति में बात यहाँ आकर अटक रही है कि डीएमके ने आम चुनावों से पहले एमडीएमके के मुखिया वाइको को एक सीट देने का वादा किया था, और अब कॉन्ग्रेस ने भी उनसे अपने लिए एक सीट माँग ली है।

ऐसे में अगर कॉन्ग्रेस की माँग पर डीएमके अध्यक्ष हामी भर देते हैं तो उनकी पार्टी के खाते में महज एक ही सीट आएगी। खबरों के मुताबिक कॉन्ग्रेस की इस माँग पर डीएमके गंभीरता से विचार कर रही है। लेकिन ये बात भी सच है कि कॉन्ग्रेस और अन्य दलों के साथ गठबंधन कर उतरी डीएमके के पास ऐसी कोई मजबूरी नहीं है कि वो इस माँग को स्वीकारे।

गौरतलब है, अगर मनमोहन सिंह को तमिलनाडु से जुलाई में मैदान में नहीं उतारा जाता है, तो राज्यसभा तक पहुँचने के लिए उन्हें अप्रैल 2020 तक इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि तब कॉन्ग्रेस शासित राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों से 55 सदस्य रिटायर हो जाएँगे। ऐसे में देखना है कि कॉन्ग्रेस के आग्रह पर डीएमके क्या जवाब देती है और पूर्व प्रधानमंत्री को उच्च सदन में पहुँचाने के लिए क्या फैसला लेती है?

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया