कॉन्ग्रेस सांसद गौरव गोगोई की सदस्यता समाप्त करने की माँग कर सकती है केन्द्र सरकार, सदन में दुराचरण का आरोप

कॉन्ग्रेस सांसद गौरव गोगोई की लोकसभा सदस्यता समाप्त करने की माँग कर सकती है सरकार

लोकसभा के अंदर कॉन्ग्रेस सांसदों द्वारा किए गए हंगामे के दौरान किए गए व्यवहार को लेकर सरकार असम से कॉन्ग्रेस सांसद गौरव गोगोई की लोकसभा सदस्यता को समाप्त कराने की माँग कर सकती है। इससे पहले अध्यक्षीय पीठ से कागज लेकर उछालने वाले कॉन्ग्रेस के सात सांसदों को संसद की शेष कार्रवाई तक के लिए निलंबित कर दिया गया है।

खबरों के मुताबिक, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि सरकार अध्यक्ष के टेबल से कागजात छीनने वाले सदन में फेंकने वाले एक कॉन्ग्रेस सदस्य की सदस्यता समाप्त कराने सहित अन्य कार्रवाई की माँग करेगी। हालाँकि, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कॉन्ग्रेस सांसद के नाम का खुलासा नहीं किया, लेकिन बताया यह जा रहा है कि वह असम से कॉन्ग्रेस के सांसद गौरव गोगोई हो सकते हैं।

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अगर लोकसभा द्वारा गोगोई की सदस्यता समाप्त करने का फैसला लिया जाता है तो, कोलिबोर के सांसद गौरव गोगोई को लोकसभा चुनावों के एक साल के भीतर एक और उपचुनाव का सामना करना पड़ सकता है।

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मंत्री ने यह भी कहा था कि सरकार लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से अनुरोध करेगी कि वह कॉन्ग्रेस सदस्यों के आचरण की जाँच के लिए एक समिति का गठन करे। वहीं बीते दिन मंत्री प्रहलाद जोशी ने संसद के अंदर कार्रवाई के दौरान बार-बार व्यवधान पैदा करने पर कॉन्ग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा था कि कागज फाड़ना और स्पीकर पर फेंकना स्पीकर की कुर्सी का अपमान था।

वहीं आपको बता दें कि संसद में की गई अनुशासनहीनता के लिए कॉन्ग्रेस सांसद गौरव गोगोई सहित कॉन्ग्रेस के सात सांसदों को शेष बजट सत्र के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले एक प्रस्ताव लोकसभा में ध्वनि मत से पारित किया गया था। दरअसल शेष सत्र 3 अप्रैल तक चलेगा। साथ ही सांसदों पर 374 की कार्रवाई के तहत निलंबित किया गया है। निलंबित सांसदों में गौरव गोगोई समेत टी एन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला शामिल हैं।

इसी बीच बीजेपी ने सात कॉन्ग्रेस सांसदों को शेष लोकसभा सत्र में भाग लेने से निलंबित करने के निर्णय का स्वागत किया है। भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि सांसदों का आचरण बेहद शर्मनाक था। इतना ही नहीं कुर्सी का अपमान करने वाले सदस्यों को अधिकतम सजा मिलनी चाहिए।

दरअसल, कॉन्ग्रेस सांसद दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों को लेकर सदन में हंगामा कर रहे थे, हंगामें के दौरान आरोपित कॉन्ग्रेस सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी से कागज फाड़कर सदन में फेंके। माना जा रहा है कि इस तरह की अनुशासनहीनता सदन के इतिहास में पहली बार हहुई है। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह उत्तर-पूर्वी दिल्ली इलाके में हुए हिंदू विरोधी हिंसा में अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 250 से एधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया