कॉन्ग्रेस अपने रवैए के कारण ही हिंदू इलाकों में जीरो हैं : बदरूद्दीन अजमल

बदरूद्दिन अजमल

लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र असम की राजनीति में एक नया मोड़ देखने को मिला है। कुछ समय पहले तक कॉन्ग्रेस का समर्थन करने वाली AIUDF (ऑल इंडिया यूनाईटिड डेमोक्रेटिक फंड) पार्टी के प्रमुख बदरूद्दीन अजमल ने कॉन्ग्रेस पार्टी को लेकर बड़ा बयान दिया है। दरअसल, AIUDF के प्रत्याशियों के ख़िलाफ़ कॉन्ग्रेस द्वारा अपनी पार्टी के उम्मीदवार खड़े करने पर बदरूद्दिन ने कॉन्ग्रेस पर विश्वासघात का आरोप लगाया है।

याद दिला दें कि पिछले महीने AIUDF ने निर्णय लिया था कि असम की 14 लोकसभा सीटों पर वह केवल अपनी पार्टी से 3 प्रत्याशी ही उतारेगी और बाकी कि सीटें वो कॉन्ग्रेस के लिए छोड़ देगी। अजमल की मानें तो उन्होंने सेकुलर वोटों को बँटने से रोकने के लिए ऐसा किया था ताकि वो भाजपा को सत्ता से बाहर कर सकें।

लेकिन अब जब कॉन्ग्रेस ने करीमगंज, बरपेटा और डुभरी की लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं, तो अजमल इससे नाखुश नज़र आ रहे हैं। उनका मानना है कि कॉन्ग्रेस की इस हरकत से गैर-भाजपा वोट तीन संसदीय क्षेत्रों में बँट जाएँगे।

बदरूद्दीन ने असम प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी पर इल्जाम लगाया है कि वो AIUDF को खत्म करने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि कॉन्ग्रेस का मकसद AIUDF को खत्म करना है, कॉन्ग्रेस के मुस्लिम नेता नहीं चाहते हैं कि कॉन्ग्रेस और AIUDF में गठबंधन हो, क्योंकि अगर ऐसा होता है तो उनका राजनैतिक भविष्य हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।

इतना ही नहीं अजमल ने भाजपा को जहाँ अपना पहला दुश्मन बताया है तो वहीं कॉन्ग्रेस को अपना दूसरा दुश्मन करार दिया है। अजमल ने कहा, “अगर भाजपा हमारी पहली दुश्मन है तो कॉन्ग्रेस हमारी दूसरी नंबर की दुश्मन है। हमने ‘धर्मनिरपेक्षता’ के नाम पर सीटों का त्याग किया। हमारी कॉन्ग्रेस को मदद करने की कोई मंशा नहीं थी। हमने यह निर्णय असम की भाषा, संस्कृति, पहचान और हर परिप्रेक्ष्य को देखकर लिया था। हम चाहते थे कि कॉन्ग्रेस भी उन तीनों सीटों पर अपने न प्रत्याशी उतारकर हमारी तरह त्याग करे। इससे हम तीन सीटों पर जीतते, कॉन्ग्रेस 7 और बीजेपी को मुश्किल से 2 सीटें मिलती।”

कॉन्ग्रेस की कठोरता पर अजमल का कहना है कि कॉन्ग्रेस अपने रवैये के कारण ही हिंदू इलाकों में जीरो हैं। उनकी मानें तो राज्य में कॉन्ग्रेस पूरी तरह से मुस्लिम आधारित पार्टी है क्योंकि पार्टी में 25 में से 15 विधायक अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं।

अजमल का आरोप है कि कॉन्ग्रेस पार्टी वोटों के लिए मुस्लिम को बेवकूफ बनाकर ब्लैकमेल कर रही है। उनकी मानें तो दशकों से मुस्लिमों के वोट का इस्तेमाल करके, अब कॉन्ग्रेस को AIUDF जैसी पार्टी से डर लग रहा है कि कहीं उनके वोट न छिन जाएँ।

बदरूद्दिन अजमल ने पिछले साल एक पत्रकार के साथ मारपीट की थी और सवाल पूछने पर उसका सर फोड़ने तक की धमकी दी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया