कॉन्ग्रेस समर्थित महाराष्ट्र सरकार और अभिनेत्री कंगना रनौत के बीच वाकयुद्ध खत्म नहीं हो रहा। सोमवार (सितंबर 14, 2020) को अभिनेत्री ने अपने प्रशंसकों को बताया कि राज्य मशीनरी द्वारा परेशान किए जाने के बाद वह मुंबई छोड़ कर अपने घर मनाली के लिए रवाना हो चुकी हैं। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा उनके घर और ऑफिस को नष्ट करने का हवाला देते हुए, उन्होंने दोहराया कि उनका मुंबई से POK की तुलना करना सही था।
कंगना रनौत ने ट्वीट करते हुए लिखा, “भारी मन से मुंबई से वापस लौट रही हूँ। जिस तरह मुझे इन दिनों परेशान किया गया, मेरे ऊपर अटैक किया गया, मुझे गलत चीजें बोली गईं, मेरा घर तोड़ने की धमकी दी गई और मेरा ऑफिस तोड़ा, सिक्योरिटी को हथियार के साथ मेरे आसपास रहने के लिए कहा गया, मुझे लगता है POK से तुलना करना सही था।”
https://twitter.com/KanganaTeam/status/1305341409478803458?ref_src=twsrc%5Etfwकंगना रनौत के इस ट्वीट पर कॉन्ग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील बृजेश कलप्पा ने सवाल उठाया। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कंगना रनौत को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने के निर्णय को करदाताओं के पैसे की बर्बादी करार देते हुए, कॉन्ग्रेस के राजनेता ने उनके सुरक्षा कवर को वापस लेने की माँग की।
https://twitter.com/brijeshkalappa/status/1305410282714357760?ref_src=twsrc%5Etfwकलप्पा ने ट्वीट लिखा था, “एक इंसान के लिए Y- कैटेगरी की सिक्युरिटी का खर्च 10 लाख रुपए प्रति महीने से ज्यादा होता है। यह पैसा टैक्स पेयर्स से आता है। अब कंगना हिमाचल प्रदेश (पीओके से दूर) में सुरक्षित हैं। क्या मोदी उन्हें दी गई सुरक्षा हटाएँगे?”
https://twitter.com/KanganaTeam/status/1305415939265945601?ref_src=twsrc%5Etfwकंगना ने कलप्पा को जवाब देते हुए लिखा है, “ब्रजेश-जी सुरक्षा आप या मेरी सोच के आधार पर नहीं दी जाती। आईबी ने धमकी की जाँच की। धमकी के आधार पर मेरी सुरक्षा ग्रेड तय किया गया। भगवान की कृपा रही तो आने वाले दिनों में यह सुरक्षा पूरी तरह हट जाएगी। या फिर आईबी की रिपोर्ट खराब आती है तो वे इसे अपग्रेड कर सकते हैं।”
हालाँकि, कलप्पा द्वारा दिए गए तर्क को मीडिया ने गैर राजनीतिक अभिव्यक्ति के तौर पर पेश किया। मीडिया रिपोर्ट्स में कलप्पा के टैक्स पैयर्स के पैसे को लेकर जताई गई चिंता को सही ठहराया गया।
उदाहरण के लिए, पिंकविला ने इस तथ्य को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया कि कलप्पा एक कॉन्ग्रेस नेता और एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। अपने इस लेख में पब्लिकेशन ने कलप्पा को सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता के रूप में पेश किया।
इसी तरह से हिन्दुस्तान और डीएनए ने भी ‘कॉन्ग्रेस एंगल’ को नजरअंदाज करने की कोशिश की।
बृजेश कलप्पा सालों से कॉन्ग्रेस से जुड़े हुए हैं। उन्हें 2018 में कॉन्ग्रेस मीडिया संयोजक नियुक्त किया गया था और वह एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं। कलप्पा, सिद्धारमैया सरकार के कानूनी सलाहकार भी थे। सिद्धारमैया द्वारा उन्हें कर्नाटक सरकार में मंत्री का पद भी दिया गया था। उन्हें मदिकेरी के विधायक टिकट की उम्मीद थी, मगर पार्टी ने उनकी जगह एचएस चंद्रमौली को टिकट दे दी।