जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार (अगस्त 23, 2019) की रात बयान जारी कर विपक्षी राजनेताओं को घाटी की यात्रा करने से मना किया था। प्रशासन का कहना था कि उनके घाटी में आने से शांति-व्यवस्था और आम जनजीवन बहाल करने में बाधा पहुँचेगी। इसके बावजूद, पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी शनिवार (अगस्त 24, 2019) को 8 दलों के 11 विपक्षी नेताओं के साथ श्रीनगर पहुँच गए।
विपक्षी डेलीगेशन के एयरपोर्ट पर पहुँचते ही हंगामा शुरू हो गया। सुरक्षा-व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया गया। राहुल के साथ मौजूद नेताओं में गुलाम नबी आजाद, एनसीपी नेता माजिद मेमन, सीपीआई लीडर डी. राजा के अलावा शरद यादव समेत कई दिग्गज नेता हैं। श्रीनगर एयरपोर्ट पर अलर्ट जारी कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अपने बयान में कहा था कि ऐसे वक्त में जब सरकार राज्य के लोगों को सीमा पार आतंकवाद के खतरे और आतंकवादियों तथा अलगाववादियों के हमलों से बचाने की कोशिश कर रही है और उपद्रवियों तथा शरारती तत्वों को नियंत्रित कर लोक-व्यवस्था बहाल करने की कोशिश कर रही है, तब वरिष्ठ राजनेताओं की ओर से आम जनजीवन को धीरे-धीरे पटरी पर लाने में बाधा डालने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। अगर वो इलाके का दौरा करेंगे, तो उन पाबंदियों का भी उल्लंघन करेंगे, जो अब भी कई इलाकों में लागू है। वरिष्ठ नेताओं को समझना चाहिए कि शांति-व्यवस्था और जानहानि को रोकने को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।