पश्चिम बंगाल में ज्यों-ज्यों विधानसभा चुनाव के चरण दर चुनाव ख़त्म हो रहे हैं, वैसे-वैसे ममता बनर्जी की तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) फँसती हुई दिख रही है। ये पार्टी और भाजपा-विरोधी अन्य नेताओं के बयानों से ही झलक रहा है। अब कॉन्ग्रेस पार्टी ने कहा है कि चुनाव परिणाम के बाद अगर TMC के साथ जाने की नौबत आती है, तो ये असंभव नहीं है। यानी, परिणाम के बाद नए समीकरण निकल कर आ सकते हैं।
पश्चिम बंगाल में कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने चुनाव परिणाम के बाद TMC के साथ जाने की संभावनाओं को असंभव नहीं बताया है। वो सिर्फ कॉन्ग्रेस नहीं, बल्कि कॉन्ग्रेस-लेफ्ट-ISF गठबंधन की बात कर रहे थे। उनकी मानें तो ममता बनर्जी के खिलाफ कई दशकों से लड़ रहा लेफ्ट अब उन्हें ही समर्थन दे सकता है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “राजनीति, संभावनाओं की कला है।”
उन्होंने प्रुशिया (प्राचीन जर्मनी) के मिनिस्टर प्रेजिडेंट ओटो वॉन बिस्मार्क के 150 साल पुराने इस बयान का जिक्र कर के बंगाल राजनीति का पारा गरमा दिया है। उनसे पूछा गया था कि अगर ममता बनर्जी बहुमत से थोड़ा पीछे रह जाती हैं तो क्या कॉन्ग्रेस उनका समर्थन करेगी? हालाँकि, उन्होंने इसे एक काल्पनिक सवाल बताते हुए कहा कि संयुक्त मोर्चा अकेले अपने दम पर सरकार बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता है कि अगर संयुक्त मोर्चा को ज़रूरत पड़ती है तो कौन-कौन उसका समर्थन करेगा? उन्होंने कहा कि अगर ममता बनर्जी हारती है तो कहाँ जाएँगी, ये उन्हें नहीं पता। मालदा (साउथ) से कॉन्ग्रेस के सांसद ABA गनी खान चौधरी पहले ही कह चुके हैं कि परिणाम के बाद TMC और कॉन्ग्रेस साथ आ सकते हैं। राजनीतिक समीकरण की बात करें तो बंगाल में सरकार बनाने के लिए 148 सीटें लाने की ज़रूरत होती है।
https://twitter.com/DeccanChronicle/status/1378912652479488000?ref_src=twsrc%5Etfwकॉन्ग्रेस के कुछ नेताओं ने कहा कि उत्तरी और सेन्ट्रल बंगाल में मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए गनी ने ये बातें कही हैं। इससे वो मुस्लिमों को ये संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी कुछ भी करेगी। राज्य में तीन चरण के चुनाव हो चुके हैं और चौथे चरण से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में धुआँधार चुनाव-प्रचार कर रहे हैं।
इससे पहले अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि अगर TMC उनके द्वारा बताई गई 22 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को वापस ले लेती है तो फिर कॉन्ग्रेस उसका समर्थन करेगी। उन्होंने मुर्शिदाबाद में सत्ताधारी पार्टी से ‘फेवर’ माँगा। इससे पहले ममता बनर्जी ने भी UPA अध्यक्ष सोनिया गाँधी को पत्र लिख कर विपक्षी नेताओं की एकता का निवेदन की थी। भाजपा इसे उनकी हार की बौखलाहट बता रही है।