बाप तो बाप बेटी सुभानअल्लाह: राम मंदिर के विरोध में 3 दिन तक अनशन पर बैठी मणिशंकर अय्यर की बेटी, कहा- ये मैंने मुस्लिमों के लिए किया

मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के विरुद्ध किया था उपवास

कॉन्ग्रेस के वयोवृद्ध नेता मणिशंकर अय्यर अक्सर अपनी अनर्गल बयानबाजी के कारण जाने जाते रहे हैं। अब उनकी बेटी सुरन्या भी चर्चा में हैं। असल में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के खिलाफ सुरन्या अय्यर ने उपवास किया था। उन्होंने फेसबुक पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिख कर इस बारे में बताया भी है। प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन उनकी माँ ने एक चम्मच शहद पिला कर उनका अनशन तुड़वाया। उन्होंने दावा किया कि हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई एक दिन अपना खोया हुआ लहलहाता वसंत फिर से प्राप्त करेंगे।

अनशन शुरू करते हुए उन्होंने लिखा था कि पहले से ही प्रदूषित दिल्ली की हवा में उग्र हिंदूवाद, दुर्भावना और जोर-जबरदस्ती भर गई है, और इसमें ‘आध्यात्मिक ज़हर’ घुल गया है। उन्होंने लिखा था कि वो ये अनशन भारत के मुस्लिम नागरिकों के लिए कर रही हैं। उन्होंने कहा था कि अयोध्या में हिन्दू राष्ट्रवाद के नाम पर जो भी हो रहा है उसकी वो निंदा करती हैं। उन्होंने इस दौरान ‘मुग़ल विरासतों’ से प्यार की बात करते हुए कहा था कि मुगलिया संरचनाओं के बिना वो दिल्ली की कल्पना भी नहीं कर सकतीं।

फेसबुक पर सुरन्या ने लिखा था, “दिल्ली सल्तनत ने भी भारत को बेशकीमती चीजें दी हैं, क्योंकि सूफी और अमीर खुसरो के अब्बा उनके साथ ही आए थे। उत्तर भारत की भाषा और संस्कृति खुसरो की एहसानमंद है। मुग़ल यहाँ मुस्लिमों को ही हरा कर आए थे। बाबर ने पंजाब में दौलत खान और दिल्ली में इब्राहिम लोदी को हराया। मुगलों ने राजपूतों के साथ वैवाहिक संबंध बनाए। मुगलों की नीति मंदिर तोड़ने की नहीं थी, उन्होंने तो मंदिर बनवाए। झूठ, हिंसा, द्वेष और प्रतिशोध पर बने मंदिर पर कोई कैसे ख़ुशी बना सकता है?”

सुरन्या अय्यर की बहन यामिनी ने भी ‘X’ पर भारतीय संविधान की प्रति शेयर की, कुछ ऐसा ही अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने किया था। सुरन्या खुद को बैरिस्टर बताती हैं और कहती हैं कि वो विदेशी एजेंसियों द्वारा प्रताड़ित किए जा रहे बच्चों को बचाती हैं, उनके अधिकार के लिए लड़ती हैं। सुरन्या अय्यर ने ‘यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफ़ोर्ड’ से कानून की पढ़ाई की है, वहीं उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से गणित में BA की डिग्री ली। सुरन्या ने अब भरोसा जताया है कि एक दिन ‘दयालु सूर्य’ समान रूप से अपनी चमक बिखेरेगा और ये जगह फिर से हमारी अपनी होगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया