सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार (अक्टूबर 25, 2019) को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) को आतंकवादियों के नियंत्रण वाला क्षेत्र करार दिया। उन्होंने कहा था कि PoK को पाकिस्तानी सरकार नहीं नियंत्रित नहीं करती। आतंकी और उनके संगठन इस इलाके को चलाते हैं।
रावत का यह बयान कॉन्ग्रेस के गले नहीं उतर रहा। पार्टी ने सेना प्रमुख के बयान को राजनीति से प्रेरित करार दे दिया। कॉन्ग्रेस नेता राशिद अल्वी का कहना है कि सेना प्रमुख जल्द रिटायर होने वाले हैं, इसीलिए ऐसे बयान दे रहे हैं।
अल्वी ने कहा कि जनरल रावत सेनाध्यक्ष हैं। उन्हें इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ को राजनीतिक बयान नहीं देना चाहिए। ये जिम्मेदारी सरकार की है, प्रधानमंत्री की है, रक्षा मंत्री की है। मुझे नहीं मालूम कि इस तरीके का बयान वे क्यों दे रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि आतंकवादी पीओके में सक्रिय हैं। लेकिन वे सेनाध्यक्ष हैं। सरकार से इजाजत ले वे पीओके पर हमला करें और उसे वापस कश्मीर में शामिल करें। सिर्फ बयान देने का कोई मतलब नहीं। मुझे लगता है कि उनका रिटायरमेंट शायद नजदीक है।”
अल्वी के बयान पर भाजपा ने कहा है कि गैरवाजिब सवाल उठाने की कॉन्ग्रेस की पुरानी आदत है। भाजपा प्रवक्ता माधव भंडारी ने आर्मी चीफ के बयान को जायज बताते हुए कहा “पाक अधिकृत कश्मीर हो या बाल्टिस्तान, ये सारा भारत का हिस्सा है जिस पर 1948 में पाकिस्तान ने सैन्य कार्रवाई कर कब्जा किया और आज तक अवैध कब्जा बनाए रखा है। ”