यूपी में अखिलेश यादव ने की कॉन्ग्रेस को मात्र 11 सीटें देने की घोषणा, पार्टी ने नकारा… दक्षिण में DMK ने कहा – जनता की सेवा नहीं, सिर्फ सीट की राजनीति कर रही कॉन्ग्रेस

मल्लिकार्जुन खड़गे (बाएँ) की अध्यक्षता वाली कॉन्ग्रेस ने नकारा सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (दाएँ) का फॉर्मूला

जहाँ एक तरफ बिहार में I.N.D.I. गठबंधन टूट गया है, वहीं उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में भी कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए स्थिति ठीक नहीं है। पहले मीडिया में खबर आई कि अखिलेश यादव ने कॉन्ग्रेस को 11 सीटें देकर उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए गठबंधन फाइनल कर लिया है। अखिलेश यादव ने इसकी घोषणा कर डाली, लेकिन फिर कॉन्ग्रेस ने इसे नकार दिया। उधर तमिलनाडु में गठबंधन साथी DMK ने भी कॉन्ग्रेस पार्टी को गीदड़-भभकी देनी शुरू कर दी है।

अखिलेश यादव की डील कॉन्ग्रेस को मंजूर नहीं

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने शनिवार (27 जनवरी, 2024) को घोषणा कर दी कि कॉन्ग्रेस यूपी में 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालाँकि, अब ‘इंडिया टुडे’ ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि कॉन्ग्रेस नेतृत्व ने इस फॉर्मूले को नकार दिया है। अखिलेश यादव ने गठबंधन का ऐलान करने हुए जीत का दावा किया है। यूपी में कॉन्ग्रेस की यूनिट ने इस डील को नकारते हुए कहा है कि ये निर्णय अखिलेश यादव का है, कॉन्ग्रेस पार्टी का नहीं। यूपी में सबसे ज़्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव में NDA ने 62 सीटें अपने नाम की थी। वहीं सपा-बसपा गठबंधन जहाँ 15 सीटों पर सिमट गई थी, कॉन्ग्रेस को मात्र 1 सीट से संतोष करना पड़ा था। 1 दिन पहले ही एक इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने I.N.D.I. गठबंधन में स्थिति ठीक न होने के लिए कॉन्ग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था। कॉन्ग्रेस यूपी में 50 लोकसभा सीटों पर लड़ने का दावा करती आई है। अब सपा कह रही है कि 11 सीटों वाली बात सिर्फ प्रस्ताव थी, कॉन्ग्रेस अगर जिताऊ उम्मीदवारों के बारे में बताए तो सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

तमिलनाडु में DMK ने भी दिखाया धौंस

उधर तमिलनाडु में डीएमके ने कहा है कि कॉन्ग्रेस सिर्फ लोकसभा चुनाव में अधिक सीटों के लिए पार्टी चला रही है। मंत्री राजा कन्नप्पन ने कहा कि कॉन्ग्रेस एक बड़ी और पुरानी पार्टी है, लेकिन उसने अब अपनी ताकत खो दी है। उन्होंने पूछा कि केवल चुनाव लड़ने के लिए सीटें लेने का क्या फायदा है? उन्होंने कहा, “कॉन्ग्रेस इसीलिए काम नहीं करती कि जनता का अच्छा हो, जब चुनाव आता है तो वो आ जाते हैं। लोगों के बीच ये सब काम नहीं करता।”

उन्होंने गुरुवार (24 जनवरी, 2024) को पुडुचेरी में भाषा संघर्ष में मरे लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने हुए ये बातें कही। मंत्री ने कहा कि भाजपा को हम देख लेंगे। बता दें कि रविवार को DMK-कॉन्ग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत होनी है। उधर पश्चिम बंगाल में TMC और पंजाब में AAP ने कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया है। बिहार में JDU छिटक गई है। जुलाई 2023 में बना ये गठबंधन अब लगभग बिखर गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया