I.N.D.I. गठबंधन की कमिटी से CPI(M) ने खुद को अलग किया, कहा – ये कोई पार्टी थोड़े है: बंगाल में TMC के भी विरोध में है वामपंथी पार्टी

सीपीआई(एम) के महासचिव सीताराम येचुरी (फोटो साभार : हिंदुस्तान टाइम्स)

NDA के मुकाबले खड़ा किया गया I.N.D.I. गठबंधन का दम अभी से फूलता सा दिख रहा है। पंजाब-दिल्ली में कॉन्ग्रेस-आप की सिर-फुटौव्वल शुरू होने के बीच ही सबसे बड़े वामपंथी दल ने भी अपने तेवर दिखा दिए हैं। CPI(M) ने कहा है कि इंडी गठबंधन कोई पार्टी थोड़े ही है, ये सिर्फ प्लेटफॉर्म है। हालाँकि, उसने इस गठबंधन से अलग होने से अभी तो मना कर दिया है, लेकिन उसने खुद को इस गठबंधन के सबसे अहम समूह कोऑर्डिनेशन कमेटी से खुद को अलग कर लिया है। ये कमेटी ही गठबंधन के कामों को आगे बढ़ाने का काम करती है।

लोकसभा चुनाव में साथ, पश्चिम बंगाल में खिलाफ!

‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सीपीआई(एम) के पोलित ब्यूरो ने साफ कर दिया है कि वो इंडी गठबंधन के कोर्डिनेशन कमेटी से दूर रहेगी। हालाँकि, बाकी कमिटियों में वो शामिल रहेगी। वहीं, पार्टी के सूत्रों के हवाले कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस का विरोध किया जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल में पार्टी के नेता चाहते हैं कि वो सिर्फ कॉन्ग्रेस और इंडियन सेकुलर फ्रंट के साथ ही गठबंधन करे और टीएमसी का विरोध करे।

पोलित ब्यूरो की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि CPI(M) की शीर्ष कमेटी ने फैसला किया है कि भारत गणराज्य के सेक्युलर और लोकतांत्रिक पहचान को बचाने की लड़ाई में I.N.D.I.A. ब्लॉक के साथ हैं। ये संविधान, लोकतंत्र, लोगों के मौलिक अधिकार और नागरिक स्वतंत्रता को बचाने की लड़ाई है। कहा गया है कि इसमें जरूरी है कि भाजपा को केंद्र और राज्य सरकारों की सत्ता से दूर रखा जाए। पोलित ब्यूरो ने इन कोशिशों का साथ देने का फैसला किया है।

कई पार्टियाँ आपस में लड़ेंगी

प्रेस रिलीज में आगे लिखा गया, “जो पार्टियाँ नैतिक और राजनीतिक रूप से एक जैसी नहीं हैं, वो भी मंच साझा कर रही हैं, क्योंकि उनके पास भाजपा को हराने का एक साझा एजेंडा है। लेकिन, भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में आपको यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि सभी दल सभी मुद्दों पर एकजुट होंगे। पंजाब में आम आदमी पार्टी कॉन्ग्रेस के खिलाफ लड़ेगी। दिल्ली में भी ऐसा ही होगा। पश्चिम बंगाल में हम टीएमसी के खिलाफ लड़ेंगे। केरल में सीपीआई (एम) कॉन्ग्रेस के खिलाफ लड़ेगी।”

छोटी समितियों में सीपीआई(एम) के सदस्य शामिल

बता दें कि सीपीआई (एम) ने गठबंधन की अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण समितियों जैसे अभियान समिति और सोशल मीडिया समिति में सदस्यों को नामित किया था, लेकिन अटकलें तब शुरू हुईं जब उसने समन्वय समिति में किसी को नहीं भेजा, जिसने 13 सितंबर को दिल्ली में अपनी पहली बैठक की और निर्णय लिया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया