दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही वक्त रह गया है। इस बीच आज (जुलाई 1, 2019) दिल्ली भाजपा अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। इस दौरान मनोज तिवारी ने कहा, “हम एक ऐसे स्कैम का खुलासा करने जा रहे हैं, जिसमें दिल्ली के सीएम और डिप्टी सीएम शामिल हैं। एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि स्कूलों में कमरों के निर्माण के लिए अतिरिक्त ₹2000 करोड़ दिए गए थे, जो केवल ₹892 करोड़ में बनाए जा सकते थे। इन स्कूलों के निर्माण के लिए जिन 34 ठेकेदारों को टेंडर दिए गए, उनमें उनके रिश्तेदार भी शामिल हैं।”
https://twitter.com/ANI/status/1145604188421926912?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/BJP4Delhi/status/1145603349879803905?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/BJP4Delhi/status/1145602891010326530?ref_src=twsrc%5Etfwदिल्ली भाजपा के आधिकारिक ट्विटर पर दी गई जानकारी के अनुसार, मनोज तिवारी ने मनीष सिसोदिया पर घोटाला करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की माँग की है। उन्होंने कहा कि जिस लोकपाल की बात केजरीवाल करते थे, वो उसी लोकपाल को इस घोटाले की जानकारी देने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे से अच्छे होटल का कमरा भी ज्यादा से ज़्यादा ₹5000 sq.ft से ज्यादा का नहीं बनता, लेकिन केजरीवाल सरकार स्कूल का कमरा ₹8800 sq.ft का बनवा रही है। ये दिल्ली की जनता के टैक्स का ऐसा दुरुपयोग है, जो कहीं देखने को नहीं मिलेगा।
इसके साथ ही, भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार कहती है कि उन्होंने शिक्षा का बजट बढ़ाया है। क्या बजट इसलिए था कि इतना बड़ा घोटाला कर सके ताकि इस पैसे का इस्तेमाल चुनाव में कर सकें। उन्होंने कहा कि आलीशान बंगले में भी ₹2200 रुपए sq.ft से ज्यादा का खर्च नहीं आता और दिल्ली सरकार ₹8800 sq.ft का कड़ी टुकड़ी का कमरा बनवा रही है। उन्होंने कहा कि कड़ी टुकड़ी की छत कभी स्कूल में उपयोग नहीं होता, लेकिन इसका उपयोग केजरीवाल सरकार स्कूल के कमरे बनाने में कर रही है। यह कड़ी टुकड़ी की छत सबसे सस्ती बनती है और यह बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ है।
https://twitter.com/BJP4Delhi/status/1145606400904536065?ref_src=twsrc%5Etfwदिल्ली की उत्तर पश्चिमी सीट से भाजपा सांसद हंसराज हंस ने भी इस बारे में कहा कि मीडिया को भी अपने स्तर पर जाँच करनी चाहिए कि शिक्षा के नाम पर केजरीवाल सरकार ने इतनी बड़ी लूट की है।