7 दिन और बढ़ा दें बेल: सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल की नई गुहार, AAP का दावा- जेल में CM का वजन 7 किलो कम हुआ, यह गंभीर बीमारी का संकेत

CM केजरीवाल ने 7 दिन जमानत बढ़ाने को कहा है (चित्र साभार: News18 & OneIndia)

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए याचिका लगाई है। उन्होंने अपनी जमानत को 8 जून, 2024 तक बढ़ाने की माँग सुप्रीम कोर्ट से की है। उन्होंने इसके लिए अपने स्वास्थ्य का हवाला दिया है।

CM केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है कि 1 जून, 2024 को खत्म हो रही उनकी चुनाव प्रचार के लिए दी गई जमानत को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया जाए। उन्होंने कहा है कि उन्हें इस एक सप्ताह में कुछ मेडिकल चेकअप करवाने हैं, जिसके लिए उन्हें यह बढ़ी हुई जमानत चाहिए।

AAP नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने इस विषय में बताया है कि केजरीवाल के शरीर में कीटोन का स्तर अधिक पाया गया है और जेल में 7 किलो वजन घटा है। आतिशी ने बताया कि उनका वजन भी अचानक कम हुआ है, ऐसे में डॉक्टरों ने इससे किडनी को नुकसान और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बताया है।

आतिशी ने बताया है कि डॉक्टरों ने उन्हें गंभीर मेडिकल चेकअप करवाने की सलाह दी है, उन्हने पूरे शरीर का PET स्कैन करवाने को कहा गया है। इसी कारण से अरविन्द केजरीवाल को एक सप्ताह की अतिरिक्त जमानत चाहिए।

गौरलतब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई, 2024 को अरविन्द केजरीवाल को 1 जून तक लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी थी। उन्हें 2 जून को कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करना था। उन्हें मार्च, 2024 में दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था । अब उन्होंने स्वास्थ्य आधार पर फिर से जमानत बढ़ाने की माँग की है।

इससे पहले भी वह जेल में स्वास्थ्य को लेकर कई दावे कर चुके हैं। आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि तिहाड़ जेल में ले जाए जाने के बाद CM केजरीवाल का वजन 4.5 किलोग्राम कम हो हुआ था। हालाँकि, इस दावे को तिहाड़ प्रशासन ने नकारते हुए बताया था कि वह जेल में 65 किलोग्राम के आए थे और उतने ही बने रहे थे।

CM केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट को बताया था कि वह अपना स्वास्थ्य बिगाड़ने के लिए आम और मिठाई खा रहे थे। ऐसा वह जेल के भीतर पाना स्वास्थ्य बिगाड़ने के लिए कर रहे थे ताकि उन्हें स्वास्थ्य आधार पर जमानत मिल सके।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया