आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Kumar Jain) की 16 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) के मामले में मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जैन को गुरुवार (9 जून 2021) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया, जहाँ से कोर्ट ने एक बार फिर AAP आप नेता को 13 जून तक के लिए ईडी की कस्टडी में भेज दिया है।
दरअसल, सोमवार (6 जून 2022) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम आदमी पार्टी के नेता के घर सहित उनके 7 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस दौरान ईडी ने 2.82 करोड़ की अघोषित नकदी व 1.80 किग्रा सोना बरामद किया था। इसके बाद अब मामले की जाँच को और आगे बढ़ाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से उनकी हिरासत को बढ़ाने की माँग की थी।
इस बीच जैन ने अपने वकील के जरिए कोर्ट में जमानत के लिए एप्लीकेशन भी फाइल की है। हालाँकि, मामले की सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने अदालत को बताया कि जाँच एजेंसी ने जिस लाला शेर सिंह मेमोरियल ट्रस्ट की तलाशी ली थी, जैन उसके अध्यक्ष थे। ASG ने कोर्ट को बताया कि जब सत्येंद्र जैन से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया।
SV राजू ने तर्क दिया, “ट्रस्ट से नकदी, दस्तावेजों आदि के रूप में कुछ आपत्तिजनक सामग्री मिली है। दस्तावेजों के साथ आप मंत्री से पूछताछ की जरूरत है। इन डॉक्यूमेंट के अनुसार, जैन और उनकी पत्नी दोनों ट्रस्ट के सदस्य हैं।”
बहुत ही धीरे लिखते हैं सत्येंद्र जैन
कोर्ट में जाँच एजेंसी ने सत्येंद्र के मामले की जाँच में हो रही देरी का कारण स्पष्ट करते हुए ईडी ने कहा, “वह बहुत धीमे लिखते हैं। एक पेज लिखने में लगभग दो घंटे का समय लगता है। उनका बयान उनकी लिखावट में लिया जाना आवश्यक है अन्यथा वह कहते हैं- ‘यह मेरा बयान नहीं है’।”
ईडी की मुताबिक, सत्येंद्र जैन के मामले की समस्याओं में से एक ये लिखावट की भी समस्या है। इसके अलावा कई गवाह सत्येंद्र जैन के सामने आने से बच रहे हैं। उन्हें अपनी सुरक्षा का डर है।
गौरतलब है कि कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेनदेन के मामले में 30 मई 2022 को सत्येंद्र जैन को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन पर कंपनियों के जरिए अवैध लेन-देन करने का आरोप है।