‘दिल्ली MCD का ₹13000 करोड़ दबा के बैठी रही AAP’: स्मृति ईरानी का केजरीवाल पर पलटवार, पूछा- आखिर सात साल से क्यों रोक रखा फंड?

स्मृति ईरानी ने किया अरविंद केजरीवाल पर पलटवार

दिल्ली नगर निगम चुनावों (Delhi MCD Election) को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) आमने-सामने है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने केंद्र के दबाव में एमसीडी के चुनाव टालने की घोषणा कर दी है। केजरीवाल ने कहा कि शायद देश के 75 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ होगा कि केंद्र सरकार ने सीधे किसी राज्य के चुनाव आयोग को चुनाव टालने के लिए कहा होगा।

स्मृति ईरानी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से सवाल किया है कि आखिर सात साल एमसीडी का फंड क्यों रोका। उन्होंने कहा कि पार्कों, अस्पतालों और कम्युनिटी सेंटर का पैसा क्यों रोका। एससीडी सुधार को केजरीवाल ने मंजूरी क्यों नहीं दी। एमसीडी को 13 हजार करोड़ रुपए से वंचित रखा। साथ ही विकास कार्यों का पैसा जानबूझकर रोका। इतना ही नहीं सफाईकर्मियों का पैसा भी रोका।

इस सबके अलावा स्मृति ईरानी ने तंज कसते हुए कहा कि जो चुनावों में लहर की बात करते हैं, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि यूपी चुनाव में उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले हैं। लोकसभा चुनाव में भी वह जहाँ से लड़े थे, उन्हें हार मिली थी। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की 70 में से 55 सीट पर जमानत जब्त हो चुकी है।

बता दें कि बीजेपी की तरफ से ये पलटवार सीएम केजरीवाल के एक बयान के बाद आया है। अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि दो दिन पहले राज्य चुनाव आयोग दिल्ली नगर निगम चुनावों की घोषणा करने को लेकर सूचना दिया। मगर 5 बजे घोषणा से एक घंटे पहले 4 बजे केंद्र सरकार की तरफ से चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी जाती है। उसमें कहा जाता है कि वह दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक साथ एक निगम बनाने जा रहे हैं, इसलिए चुनाव टाल दीजिए। चुनाव आयोग केंद्र सरकार के कहने पर चुनाव घोषणा की तिथियाँ टाल भी देता है।

केजरीवाल ने कहा कि चुनाव की तिथि टालने से लोगों के मन में कई बातें चल रही हैं। पहली केंद्र की सत्ता में भाजपा 7-8 साल से काबिज है। अगर तीनों एमसीडी को एक साथ करना था तो आठ साल में क्यों नहीं किया गया। चुनाव की तारीख की घोषणा होने से एक घंटे पहले याद आया कि निगमों को एक करना है तो चुनाव टाल दिया जाए। उन्होंने कहा कि यहाँ मकसद चुनाव टालना नहीं है। ऐसा लगता है कि भाजपा हार के डर से एमसीडी को एक करने के बहाने चुनाव टालना चाह रही है।

केजरीवाल ने इस दौरान राज्य चुनाव आयुक्त पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता वह एक घंटे में ही क्यों चुनाव टालने को तैयार हो गए? क्या राज्य के चुनाव आयुक्त पर दबाव डाला गया या फिर आयकर और ईडी की कार्रवाई की धमकी दी गई? क्या यही कारण है कि वह एक घंटे के अंदर चुनाव टालने को तैयार हो गए। उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। क्या कार्यकाल खत्म होने पर उन्हें कोई और पद का लालच दिया गया है। अपने राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त से कहना चाहता हूँ कि ऐसा करेंगे तो जनतंत्र ही नहीं बचेगा।”

बता दें कि (9 मार्च 2022) को दिल्ली नगर निगम चुनाव की तारीखों का ऐलान होने वाला था, जो कि फिलहाल टल गया है। इसके बाद राज्य चुनाव आयुक्त एसके श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र सरकार ने कुछ बातें उठाई हैं जिन्हें वह देख रहे हैं। हालाँकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि चुनाव किसी भी हाल में 18 मई तक हो जाएँगे।

गौरतलब है कि 2011 में शीला दीक्षित की सरकार ने राजनीतिक कारणों से दिल्ली नगर निगम का तीन हिस्सों में विभाजन किया था। कॉन्ग्रेस को अनुमान था कि इससे वह तीनों में से कुछ नगर निगम में अपनी सत्ता बरकरार रखने में कामयाब हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उलटे, कॉन्ग्रेस को और अधिक सियासी नुकसान उठाना पड़ा। इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्य के लिए अलग-अलग अधिकारियों से अनुमति लेनी पड़ती है जिससे कार्य प्रभावित होते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया