मणिपुर में 55 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान, सुरक्षा बलों की तैनाती शुरू: हिंसा पर लगाम, विस्थापितों की वापसी है प्राथमिकता

मणिपुर में सुरक्षा बल (सांकेतिक तस्वीर, साभार: nenow)

मणिपुर में जारी जातीय हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा है कि इसका समाधान 2-3 महीनों में निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार पीएम मोदी की प्राथमिकता मणिपुर है। सीएम ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव ड्यूटी के लिए विभिन्न राज्यों में गए सुरक्षा बल मणिपुर लौट आए हैं और उन्हें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, “पिछले कई महीनों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में हिंसा की घटनाओं में काफी कमी आई है। कुछ जगहों से हिंसा की छिटपुट घटनाएँ सामने आई हैं। मणिपुर के अधिकांश हिस्सों में आम दिनों की तरह स्कूल, कॉलेज, कार्यालय और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले हुए हैं।” इस दौरान पर लगाम और विस्थापितों की वापसी प्राथमिकता में शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने मणिपुर को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। वे राज्य में शांति स्थापित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री और गृह मंत्री, दोनों मणिपुर में हो रहे घटनाक्रम पर लगातार नजर रख रहे हैं। वे राज्य में जातीय मुद्दों को सुलझाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं।”

मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात की। राज्यपाल ने इन नेताओं को मणिपुर के विभिन्न राहत शिविरों में शरण लिए हुए विस्थापित लोगों की कठिनाइयों से अवगत कराया।

चुनाव ड्यूटी से वापस लौटने के बाद सुरक्षा बलों की विभिन्न इलाकों में तैनाती शुरू कर दी गई है। सुरक्षा बलों ने मणिपुर में लगभग 55 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की है। राज्य में एक साल से अधिक समय से जारी जातीय हिंसा से निपटने के प्रयासों के तहत इन जगहों पर पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएँगे।

बता दें कि लोकसभा चुनावों के दौरान हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य के कुछ इलाकों से केंद्रीय बलों को अस्थायी रूप से हटा लिया गया था और उन्हें चुनावी ड्यूटी पर लगा दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय बलों की रणनीतिक तैनाती का निर्देश दिया था।

हालाँकि, कुछ इलाकों में सुरक्षा बलों की फिर से तैनाती का विरोध हो रहा है। हिल ट्राइबल काउंसिल ने एक बयान जारी कर तेंगनौपाल जिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की तैनाती के प्रस्ताव की निंदा की है और इस तैनाती को वापस लेने की माँग की है। काउंसिल का कहना है कि सुरक्षा बलों की तैनाती से इलाके में शांति और सद्भाव को नुकसान पहुँचेगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया