राजस्थान स्पीकर के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई है। सचिन पायलट खेमे ने याचिका में संशोधन के लिए समय माँगा है। आज शाम या कल फिर सुनवाई हो सकती है। पायलट याचिका को खंडपीठ में पेश करना चाहते हैं। मुख्य न्यायाधीश समय व तारीख तय करेंगे। सचिन पायलट व अन्य की ओर से याचिका में संशोधन की बात की गई।
https://twitter.com/PTI_News/status/1283705185982767105?ref_src=twsrc%5Etfwसचिन पायलट की ओर से हरीश साल्वे ने बहस शुरू करते हुए कहा कि सदन से बाहर हुई कार्यवाही के लिए अध्यक्ष नोटिस जारी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि नोटिस की संवैधानिक वैधता नहीं है।
https://twitter.com/PTI_News/status/1283703256628121600?ref_src=twsrc%5Etfwसचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री पद और उनके दो समर्थक कैबिनेट मंत्रियों को बर्खास्त किए जाने के बाद राजस्थान में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने पायलट सहित उनके खेमे के 19 विधायकों को नोटिस जारी किया।
इस नोटिस के बाद सचिन पायलट और उनके साथियों ने अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सचिन पायलट और समर्थक विधायकों की याचिका स्वीकार करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए आज बृहस्पतिवार (जुलाई 16, 2020) 3 बजे का समय तय किया गया था।
इस मामले में जस्टिस सतीश चंद शर्मा की बेंच ने सुनवाई की। पायलट कैंप की ओर से वकील मुकुल रोहतगी और हरीश साल्वे केस लड़ रहे हैं। जबकि, उच्च न्यायालय में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष का प्रतिनिधित्व करने के लिए अभिषेक मनु सिंघवी मौजूद थे।
https://twitter.com/ANI/status/1283688981868101632?ref_src=twsrc%5Etfwदरअसल, राजस्थान कॉन्ग्रेस ने विधायक दल की हालिया बैठकों से अनुपस्थित रहने पर राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की माँग की है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पूर्व डिप्टी उप-मुख्यमंत्री पर भाजपा के साथ अपनी सरकार को गिराने का आरोप लगाया है। जबकि, सचिन पायलट खेमे के विधायकों का कहना है कि वे प्रतिष्ठा के लिए लड़ रहे हैं, ना कि पद के लिए।
पार्टी ने राजस्थान कॉन्ग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश में शामिल होने के आरोप में सचिन पायलट और दो मंत्रियों, विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंगलवार (जुलाई 14, 2020) को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया था।