ED की चार्जशीट में लालू यादव ‘सपरिवार’ मौजूद, बेटी हेमा की भी एंट्री: 4800 पन्नों में ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले का कच्चा चिट्ठा, UPA काल में रेलवे बना था भ्रष्टाचार का अड्डा

लालू यादव, राबड़ी देवी और उनकी बेटी हेमा (चित्र साभार: The Print Hindi & News18)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ‘नौकरी के बदले जमीन‘ घोटाले में नई चार्जशीट दाखिल की है। लगभग 4800 पन्नो की इस चार्जशीट में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव का नाम शामिल है। इसके अलावा कुछ अन्य लोगों के नाम भी चार्जशीट में शामिल किए गए हैं। चार्जशीट में अमित कात्याल का नाम शामिल है जो एजेंसी के गिरफ्त में है। हेमा यादव विवाहित हैं। उनके पत्नी विनीत यादव रेवाड़ी में रहते हैं। वह भी एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

इस घोटाले की सीबीआई जाँच कर रही है लेकिन इसमें जुड़े पैसे के लेनदेन में गडबडी गड़बड़ी की जाँच ED को मिली है। ED ने मार्च 2023 में इस मामले में छापेमारी भी की थी। ED की जाँच में सामने आया है कि नौकरी के बदले लिए गए पैसे से कई जमीनें औने पौने दामों पर खरीदीं गईं। इनमें से कुछ जमीनें पटना और एक मकान दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में भी खरीदा गया। दिल्ली के इस बंगले की कीमत ₹150 करोड़ है, सामने आया था कि यह मकान एक ऐसी कम्पनी के नाम पर था जिसे तेजस्वी यादव ने मात्र ₹4 लाख में खरीदा था।

ED का यह भी कहना है कि लालू यादव के परिवार ने रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी के गरीब आवेदकों से सिर्फ 7.5 लाख रुपए में चार पार्सल जमीन ली थी। इसे राबड़ी देवी द्वारा 3.5 करोड़ रुपए के भारी लाभ के साथ आरजेडी के पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना को बेचा गया था।

क्या था ‘लैंड फॉर जॉब्स स्कैम?

बात कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए-1 के शासनकाल सन 2004-2009 के बीच की है। बिहार में 15 साल तक लगातार सत्ता के सिरमौर रहे लालू प्रसाद यादव उस समय केंद्रीय रेल मंत्री थे। सन 2008 में रेलवे में नौकरी देने के बदले अभ्यर्थियों से रिश्वत के रूप में जमीन ली गई। ये जमीन पटना सहित अन्य जगहों पर ली गई।

अभ्यर्थियों को रेलवे के ग्रुप-डी में नौकरी देने के लिए रेलवे की तरह से कोई नोटिफिकेशन नहीं निकाला गया। जिन लोगों ने जमीनें दीं, उन्हें तीन दिन के अंदर रेलवे में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नौकरी दे दी गई। जिन लोगों को नौकरी दी गई, उनमें से कुछ लोगों ने फर्जी प्रमाण-पत्र का भी उपयोग किया।

सीबीआई ने अपनी जाँच में पाया कि लालू यादव को पटना को 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन दी गई। इन जमीनों का सौदा नकद में और बेहद कम कीमत पर किया गया। लालू यादव और उनके परिजनों को 7 उम्मीदवारों ने नौकरी के बदले में जमीनें दी थीं। इनमें से 5 जमीनों की बिक्री हुई थी, जबकि दो गिफ्ट के तौर पर दिए गए थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया