₹25000 करोड़ का बैंक घोटाला: ED की रडार पर NCP सुप्रीमो शरद पवार, FIR दर्ज, जाँच शुरू

लोन धोखाधड़ी के दौरान शरद पवार महारष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन थे

राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार अब प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर आ गए हैं। मामला महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक से जुड़ा है। शरद पवार इस बैंक के चेयरमैन रहे हैं। उनके भतीजे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री रहे अजित पवार बैंक के एमडी थे। मामला 25,000 करोड़ रुपए के लोन फ्रॉड से जुड़ा है। ईडी ने शरद पवार के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर उनके ख़िलाफ़ जाँच भी शुरू कर दी है। इस मामले में महाराष्ट्र के कई और भी बड़े नाम आरोपित हैं, जिनके ख़िलाफ़ जाँच शुरू की गई है।

यह लोन घोटाला चीनी मिलों से जुड़ा है। महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक ने कई कोऑपरेटिव चीनी मिलों को क़र्ज़ दिया था। आरोप है कि क़र्ज़ प्राप्त करने वाले अधिकार चीनी मिल बैंक के कई अधिकारियों व पदाधिकारियों के जान-पहचान वाले थे। बॉम्बे हाईकोर्ट के बाद महाराष्ट्र पुलिस के इकनोमिक ऑफेंस विंग ने इस सम्बन्ध में एफआईआर दर्ज की है। इस एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। इससे शरद पवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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एनसीपी सुप्रीमो के राजनीतिक सितारे पहले से ही गर्दिश में चल रहे हैं और लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं। ईडी के अनुसार, यह लोन धोखाधड़ी का बहुत बड़ा मामला है और यह कार्रवाई बॉम्बे हाईकोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप की जा रही है। कई शुगर फैक्ट्रीज को आने-पौने दाम में बेच डाला गया था। कई कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज में काम ठप्प होने लगा था और उन्हें काफ़ी कम दाम पर बेच कर ख़रीदने वालों को फ़ायदा पहुँचाया गया। इस मामले में अजित पवार और बैंक के 70 पूर्व अधिकारियों पर पहले ही मामला दर्ज हो चुका है।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने ऊपर लगे आरोपों ने इनकार करते हुए कहा कि वे अपने ख़िलाफ़ एफआईआर का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं में भाजपा को लेकर काफ़ी आक्रोश है और उन्हें इस बात का अंदाज़ा हो गया था कि उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी। पवार ने कहा:

“यह ऐसा समय है जब विधानसभा चुनाव सामने हैं। मेरे जैसे व्यक्ति का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। जब महाराष्ट्र के लोगों को इसका एहसास होगा कि किन-किन लोगों को इसमें फँसाया गया है तो इसका प्रभाव सामने आएगा। इन सबसे किसको लाभ हो रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। जिन्होंने भी मेरे ख़िलाफ़ कार्रवाई की शुरुआत की है, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूँ।अगर मेरे ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं होती तो मुझे आश्चर्य होता।”

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ईडी शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार से इन सम्बन्ध में पूछताछ करेगी कि इन शुगर फैक्ट्रीज को स्टेट कोऑपरेटिव बैंक द्वारा तय किए गए मूल्य से कम दाम में क्यों बेच दिया गया? जिन्होंने भी इन शुगर फैक्ट्रीज को ख़रीदा, उनके महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के ‘बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स’ से क़रीबी संपर्क थे। कई मामलों में तो शुगर फैक्ट्रीज के प्रबंधन से पूछे बिना ही उन्हें बेच डाला गया। शरद पवार के क़रीबी एनसीपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल पहले से ही एयर इंडिया स्कैम मामले में ईडी की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया