DGP को फर्जी चीफ जस्टिस का कॉल करने वाला ‘महाठग’ CM नीतीश कुमार का करीबी? भाजपा ने उठाए सवाल, मुख्यमंत्री ने पुलिस चीफ को दी क्लीन चिट

डीजीपी को फोन कर आईपीएस के केस खत्म करवाने वाले व्यक्ति के साथ नीतीश कुमार (फोटो साभार: Utkarsh Singh का ट्विटर अकाउंट)

बीते दिनों बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को अभिषेक अग्रवाल नामक व्यक्ति ने फोन कर खुद को हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बताते हुए आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार का केस खत्म करवाने की कोशिश की थी। आदित्य कुमार ने जिस अभिषेक अग्रवाल से फोन करवाकर अपने केस खत्म करवाए थे उसकी बिहार सीएम नीतीश कुमार के साथ फोटो सामने आई है। इसके बाद, भाजपा ने अभिषेक अग्रवाल को नीतीश का करीबी बताते हुए डीजीपी को क्लीन चिट देने की मंशा पर सवाल उठाए हैं।

दरअसल पत्रकार उत्कर्ष सिंह ने अभिषेक अग्रवाल की नीतीश कुमार व अन्य नेताओं के साथ फोटो शेयर करते हुए ट्वीट किया था। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था, “चीफ जस्टिस के नाम पर डीजीपी को मूर्ख बनाकर आईपीएस अधिकारी को क्लीन चिट दिलाने का मामला अपने आप में बेहद दिलचस्प और अनोखा है। लेकिन, ये इतना सीधा नहीं, जितना दिखाया जा रहा। बिहार का महाठग अभिषेक अग्रवाल दर्जनों IPS-IAS अधिकारियों के साथ ही नेताओं का भी दुलारा था। ठग के साथ नीतीश कुमार।”

पत्रकार ने अपने एक अन्य ट्वीट में बिहार के कई अन्य नेताओं के साथ ट्वीट कर कहा था, “अभिषेक अग्रवाल पुराना ठग है, उस पर पहले से ही जालसाज़ी के कई मुकदमे चल रहे हैं। तिहाड़ तक में सजा काट चुका है। बावजूद इसके पिछले कई सालों से यह लगातार तमाम अधिकारियों और नेताओं के साथ उठता-बैठता रहा और अपना काम करवाता रहा। कुछ मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों के साथ बिहार का महाठग।”

पत्रकार के इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए बिहार भाजपा के प्रवक्ता निखिल आंनद ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अभिषेक अग्रवाल की आवाजाही सीएम हाउस में रही है और वह नीतीश कुमार का करीबी है।

निखिल आनंद ने ट्वीट कर कहा “अभिषेक अग्रवाल, नीतीश कुमार जी का नजदीकी है। तस्वीरें इस बात की साक्षी हैं कि अभिषेक की एंट्री सीएम आवास-दफ्तर में रही है। अब जो सीएम का नजदीकी हो पुलिस- प्रशासन के अधिकारी उसको भाव तो देंगे ही। सीएम द्वारा डीजीपी को क्लीन चिट देने के पीछे अभिषेक को बचाने की मंशा भी साफ है।”

बता दें, बीते सप्ताह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी एसके सिंघल को क्लीन चिट दे दी थी। नीतीश कुमार ने कहा था कि इसमें डीजीपी ने थोड़ी सी गलती की है। लेकिन, जब उन्हें यह लगा कि कोई गलत आदमी उन्हें फोन कर रहा है, तो उन्होंने तुरंत इसकी जाँच करवाई। वह दो महीने में रिटायर होने वाले हैं। इसलिए, उनकी गलती पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

क्या है मामला

दरअसल, गया के पूर्व एसपी और 2011 के बैच आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार पर शराब माफिया से साठ-गाँठ का आरोप लगा था। इस बारे में उनके खिलाफ डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी चल रही थी। इससे बचने के लिए उन्होंने अभिषेक अग्रवाल नामक व्यक्ति का सहारा लिया। आरोप है कि अभिषेक ने खुद को हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बताकर डीजीपी एसके सिंघल को करीब 50 बार फोन करवाकर आईपीएस आदित्य कुमार के खिलाफ चल रहे केस खत्म करवा दिए थे।

इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार सहित उसके दोस्त अभिषेक भूपालका उर्फ अभिषेक अग्रवाल और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। आदित्य फरार बताया जा रहा है। जबकि, अभिषेक अग्रवाल, गौरव राज, शुभम कुमार और राहुल रंजन जायसवाल को गिरफ्तार किया गया है। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120 B और आईटी एक्ट की 66 C और 66 D के तहत केस दर्ज किया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया