UGC की फेक यूनिवर्सिटी वाली लिस्ट में दिल्ली टॉप: एक की वेबसाइट पर CM केजरीवाल की तस्वीर, साइन किया हुआ संदेश भी

AIIPPHS ने अपनी वेबसाइट पर लगा रखा है सीएम केजरीवाल का पत्र

देश में उच्च शिक्षा की नियामक संस्था ‘विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)’ ने फेक यूनिवर्सिटीज की सूची जारी की है। इसमें अलग-अलग राज्यों के कुल 21 संस्थानों के नाम हैं। सबसे ज्यादा 8 संस्थान दिल्ली के हैं। भाजपा ने तंज कसते हुए कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने फर्जी विश्वविद्यालयों के मामले में दिल्ली को नंबर-1 बना दिया है। साथ ही AAP सरकार के कथित शिक्षा मॉडल पर भी पार्टी ने सवाल उठाए हैं। ऐसी ही फर्जी यूनिवर्सिटीज में एक AIIPPHS भी है।

असल में UGC ने देश भर के 21 फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की है, जिसमें दिल्ली के अलावा कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पुडुचेरी, और आंध्र प्रदेश की भी यूनिवर्सिटीज शामिल हैं। UGC ने बताया कि ये सब संस्था के नियमों के खिलाफ संचालित हो रहे थे। इन विश्वविद्यालयों की डिग्रियों को मान्यता भी नहीं दी जाएगी और इन्हें डिग्री देने का अधिकार भी नहीं है। दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा 4 विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के हैं।

जब हमने AIIPPHS यूनिवर्सिटी की वेबसाइट को खोला तो इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीर मिली। इसके साथ ही उनका पत्र भी था। ‘ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक एंड फिजिकल हेल्थ साइंसेज’ नामक इन यूनिवर्सिटी को UGC ने फर्जी बताया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक हस्ताक्षर के जारी प्रतीत होते इस पत्र पर 18 दिसंबर, 2016 की तारीख़ अंकित है। साथ ही AAP सुप्रीमो की एक पासपोर्ट साइज फोटो है।

अरविंद केजरीवाल के हवाले से इसमें लिखा है, “मैं ये जान कर खुश हूँ कि All India Institute Of Public & Physical Health Sciences (AIIPPHS) अपनी पत्रिका लेकर आ रहा है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इसके तहत छात्रों को अपनी लेखक कला के प्रदर्शन का उत्तम अवसर मिलेगा और उन्हें उनके बेहतर भविष्य के लिए प्रेरणा मिलेगी। मैं इसके आने वाले प्रकाशन के लिए इसे शुभकामनाएँ देता हूँ।” यूनिवर्सिटी ने दिल्ली सरकार की मान्यता के दावे भी किए हैं।

AIIPPHS ने अपनी वेबसाइट पर एक सर्टिफिकेट भी अपलोड कर रखा है, जो ‘दिल्ली स्टेट गवर्नमेंट पैरामेडिकल काउंसिल (दिल्ली राज्य सरकार परचिकित्सीय परिषद)’ का है। इस सर्टिफिकेट में लिखा है कि ये यूनिवर्सिटी अपने दफ्तर से संचालित हो रही है। दफ्तर का पता अलीपुर के बीडीओ ऑफिस के नजदीक बताया गया है। इसमें ये भी लिखा है कि ये परिषद के शिक्षा मानकों पर भी खरी उतरी है। 7 अप्रैल, 2021 को इसे मान्यता मिली थी, जिसे एक साल बाद फिर एक साल के लिए बढ़ा दिया गया।

AIIPPHS की वेसबाइट पर अरविंद केजरीवाल की तस्वीर और पत्र

असल में जो ऐसे फर्जी संस्थान होते हैं, उन्हें इस तरह के पत्र आसानी से मिल जाते हैं। ऐसे प्रमाण-पत्रों का जुगाड़ करने के बाद इसे वो अपनी साइट पर दिखाते हैं, ताकि लोगों के बीच उनकी विश्वसनीयता बने। ये ब्यूरोक्रेसी की विफलता भी दिखाता है, जिससे पता चलता है कि अधिकारी इस तरह के पत्र जारी करने से पहले अच्छी तरह छानबीन नहीं करते। ये भी हो सकता है कि शिक्षा माफिया की सरकारी विभागों में पैठ हो और उन्हें मनमानी करने की छूट हो।

हमें ये भी ध्यान देना होगा कि इस तरह के प्रमाण-पत्र का मिलना ऐसा कतई नहीं है कि यूनिवर्सिटी हर इलाज से वैध है और फर्जी नहीं है। यूनिवर्सिटी फर्जी हो, तब भी ये इस तरह के एकाध प्रमाण-पत्र और पत्र ले ही आते हैं। किसी नेता वगैरह को बुला कर कार्यक्रम कराना और फिर उसकी तस्वीर खुद को वैध दिखाने के लिए साइट पर डाल देना, ये तिकड़म भी आजमाए जाते हैं। ये भी हो सकता है अधिकारियों से मिलीभगत का इन्हें फायदा मिलता हो।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया