‘संजो कर रखूँगा हमारी बातचीत’ : पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन पर PM मोदी ने जताया शोक, CM नीतीश बोले- ‘मेरा उनसे बहुत गहरा संबंध था’

शरद यादव को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि (तस्वीर साभार: )

पूर्व केंद्रीय मंत्री व जनता दल के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का निधन हो गया है। शरद यादव के निधन की जानकारी उनकी बेटी सुभाषिनी यादव ने सोशल मीडिया पर दी। उनका अंतिम संस्कार मध्य प्रदेश के होशंगाबाद स्थित उनके पैतृक गाँव में किया जाएगा। आज (13 जनवरी, 2023) को शरद यादव के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली के छतरपुर स्थित आवास में रखा गया है। शरद यादव के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गाँधी समेत देश भर के नेताओं ने दुख जताया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक शरद यादव कुछ वक्त से बीमार चल रहे थे। गुरुवार को अचेत अवस्था में उन्हें गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है। बेटी सुभाषिनी यादव ने शरद यादव के निधन की जानकारी फेसबुक व ट्विटर पर दी। सुभाषिनी ने फेसबुक पर जानकारी दी है कि अंतिम दर्शन के लिए आज उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली के छतरपुर स्थित आवास में रखा गया है। शरद यादव का अंतिम संस्कार मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में होगा। दरअसल होशंगाबाद के बंदाई गाँव में ही साल 1947 में शरद यादव का जन्म हुआ था।

शरद यादव के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “शरद यादव के निधन से दुखी हूँ। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया। शरद यादव डॉक्टर लोहिया के आदर्शों से प्रभावित थे। मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूँगा। उनके परिवार के लोगों और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएँ। ॐ शांति।”

वहीं, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी शरद यादव के निधन पर दुख जताया। उन्होंने ट्वीट किया, “समाजवादी धारा के वरिष्ठ नेता, जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष, श्री शरद यादव जी के निधन से दुःखी हूँ। एक पूर्व केंद्रीय मंत्री व दशकों तक एक उत्कृष्ट सांसद के तौर पर देश सेवा का कार्य कर उन्होंने समानता की राजनीति को मजबूत किया। उनके परिवार एवं समर्थकों को मेरी गहरी संवेदनाएँ।”

कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने भी पूर्व जदयू अध्यक्ष के निधन पर शोक जताया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “समाजवाद के पुरोधा होने के साथ-साथ शरद यादव एक विनम्र इंसान थे। मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है। शोकाकुल परिजनों को गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ। देश के लिए उनका योगदान याद रखा जाएगा।”

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव ने भी शरद यादव के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि आपसी मतभेद कभी कड़वाहट में नहीं बदले। लालू यादव ने सिंगापुर के अस्पताल से ही वीडियो जारी किया था।

तेजस्वी यादव ने भी एक वीडियो संदेश के जरिए शरद यादव को श्रद्धांजलि दी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन पर दुख का इजहार किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव जी का निधन दुःखद। शरद यादव जी से मेरा बहुत गहरा संबंध था। मैं उनके निधन की खबर से स्तब्ध एवं मर्माहत हूँ। वे एक प्रखर समाजवादी नेता थे। उनके निधन से सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।”

शरद यादव ने मध्य प्रदेश से राजनीति का सफर शुरू किया और उत्तर प्रदेश के रास्ते बिहार में आकर बस गए। शरद यादव अपने पीछे पत्नी रेखा यादव, बेटी सुभाषिनी और बेटे शांतनु को छोड़ गए।

शरद यादव के राजनीतिक करियर की बात करें तो 1974 में पहली बार उन्होंने जबलपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था। 1977 में वे इसी सीट पर सांसद चुने गए। 1986 में वह राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद वह 1989-90 तक केंद्रीय मंत्री रहे। 1991 में वे बिहार के मधेपुरा लोकसभा सीट से सांसद बने। 1995 में जनता दल का कार्यकारी अध्यक्ष चुने गए। 1997 में उन्हें जनता दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। 1999 में उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया। 2001 में वह केंद्रीय श्रम मंत्री बने। 2004 में दोबारा राज्यसभा सांसद बनने का मौका मिला। 2009 में वह 7वीं बार सांसद बने।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया