TMC, CPI और NCP ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बरकरार रखने के लिए चुनाव आयोग से माँगा एक और मौका

TMC, CPI और NCP ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बरकरार रखने चुनाव आयोग से माँगा एक और मौका

तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), और राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने चुनाव आयोग से ‘राष्ट्रीय दल’ का उनका दर्जा बरकरार रखने का अनुरोध करते हुए कहा है कि उन्हें आगामी चुनावों में प्रदर्शन बेहतर करने का एक मौका दिया जाना चाहिए। आयोग ने पिछले लोकसभा चुनाव में इन पार्टियों का प्रदर्शन राष्ट्रीय दल की मान्यता के अनुरूप नहीं रहने का हवाला देते हुए इन्हें नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न इनका राष्ट्रीय दल का दर्जा समाप्त कर दिया जाए।

तीनों राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव आयोग के सामने पेश अपने जवाब में दलील दी है कि पुराने राजनीतिक दल होने के साथ-साथ, राष्ट्रीय राजनीति में उनका अहम योगदान रहा है। इसलिए राष्ट्रीय दल के रूप में उनकी मान्यता का आकलन पिछले चुनावी प्रदर्शन के आधार पर नहीं किया जाना चाहिए। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुनील अरोड़ा सहित चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में तीनों दलों के प्रतिनिधियों ने इस साल झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा में और जनवरी 2020 में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों में प्रदर्शन को सुधारने का मौका माँगा। 

सीपीआई महासचिव डी राजा ने कहा कि उन्होंने अपने जवाब में आयोग से कहा है उनकी पार्टी कॉन्ग्रेस के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी है और स्वतंत्रता आंदोलन में भी उसकी अग्रणी भूमिका रही। उन्होने पूर्व में लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल होने का भी हवाला देते हुए पार्टी का राष्ट्रीय दल का दर्जा बहाल रखने का आयोग से अनुरोध किया है। पार्टी ने अपने जवाब में कहा कि भले ही पिछले लोकसभा चुनाव में सीपीआई का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा लेकिन विभिन्न राज्यों में वामदल की सरकार रहने और संविधान को मजबूत बनाने में पार्टी की महत्वपूर्ण भूमिका को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

वहीं, टीएमसी के कल्याण बनर्जी और एनसीपी के माजिद मेमन ने कहा, “चुनाव आयोग ने 2016 में दो चुनावों के बाद एक राजनीतिक पार्टी की स्थिति की समीक्षा करने के लिए अपने नियमों में संशोधन किया था। अगर 2014 के चुनाव को भी शामिल कर लिया जाए, तो भी चुनाव आयोग को हमारी पार्टी की स्थिति पर समीक्षा करने के लिए 2024 तक का इंतजार करना चाहिए।”

साथ ही मेमन ने कहा कि यह किसी भी राजनीतिक दल की स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करने का सही समय नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने चुनाव आयोग से महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी का दर्जा वापस न लेने का आग्रह किया है। 

बता दें कि, चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश 1968 के अंतर्गत किसी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल का दर्जा तब मिलता है जब उसके प्रत्याशी लोकसभा चुनाव में कम से कम 6 फीसदी मत प्राप्त करें या उसके चार सदस्य चुने जाएँ या विधानसभा चुनावों में कम से कम 4 या इससे ज्यादा राज्यों में 6 प्रतिशत वोट प्राप्त हों। इन मानकों के तहत कॉन्ग्रेस, भाजपा, बसपा, सीपीआई, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, तृणमूल कॉन्ग्रेस, एनसीपी और नेशनल पीपुल्स पार्टी ऑफ मेघालय को राष्ट्रीय दल का दर्जा मिला हुआ है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया