‘हमें प्रताड़ित कर रही केरल सरकार, उनसे लड़ने में असमर्थ’: NGO ने स्वप्ना सुरेश को नौकरी से निकाला, कहा – आतंकियों जैसा हो रहा बर्ताव

केरल सरकार के दबाव में एनजीओ ने स्वप्ना सुरेश को नौकरी से निकाला (फाइल फोटो साभार: IndiGlitz),

केरल सोना तस्करी (Kerala Gold Smuggling) मामले की मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश (Swapna Suresh) को बुधवार (6 जुलाई, 2022) को नौकरी से निकाल दिया गया। वह पलक्कड़ में हाईरेंज रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (HRDS) एनजीओ के साथ काम कर रही थीं। एनजीओ ने स्वप्ना सुरेश को इस साल फरवरी में नियुक्त किया था। उन्होंने (NGO) राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वह उनके साथ आतंकियों की तरह बर्ताव कर रही है। वहीं स्वप्ना सुरेश भी लगातार यह बात कहती रही हैं कि सीएम का नाम लेने के बाद से उन पर दबाव डाला जा रहा है।

एचआरडीएस सचिव अजीकृष्णन (Ajikrishnan) ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर सोना तस्करी मामले में स्वप्ना सुरेश ने गंभीर आरोप लगाए थे। अब वे (NGO) राज्य सरकार से ‘लड़ने’ में असमर्थ हैं, इसलिए उन्होंने सुरेश को नौकरी से निकाल दिया है। बयान में आगे कहा गया है, “चार महीने पहले स्वप्ना सुरेश को नौकरी देने के कारण एचआरडीएस को राज्य सरकार द्वारा प्रताड़ित किया गया है।”

अजीकृष्णन ने कहा कि एचआरडीएस ने तय किया था कि सोने की तस्करी मामले के आरोपितों मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव एम शिवशंकर और स्वप्ना सुरेश में से एक को फिर से नौकरी पर रखा जाएगा। इसलिए स्वप्ना को नौकरी दिए जाने में कुछ भी गलत नहीं था।

बयान में यह भी कहा गया है, “हमें उम्मीद है कि जो राज्य सरकार स्वप्ना सुरेश की नियुक्ति के लिए एचआरडीएस के साथ आतंकियों जैसा बर्ताव कर रही है, वह एम शिवशंकर को बर्खास्त करके मिसाल कायम करेगी। इसके साथ ही सरकार खुद को इस आरोप से बचा सकती है कि वे शिवशंकर का बचाव नहीं कर रही है।”

उल्लेखनीय है कि मंगलवार (5 जुलाई, 2022) को स्वप्ना सुरेश ने कहा था, “मुझे गिरफ्तारी का कोई डर नहीं है। मैंने डरने के लिए कुछ भी नहीं किया। यह फर्जी केस है। यह शुरुआत में जमानती था, लेकिन बाद में इसे गैर जमानती बना दिया गया। मुझे इसका सामना करने दो।”

बताया जा रहा है कि स्वप्ना को 18 फरवरी, 2022 को संगठन ने सीएसआर महिला सशक्तिकरण विभाग की निदेशक के तौर पर नियुक्त किया था। अधिकारी ने कहा उनके नियुक्त होने के बाद से ही एनजीओ पर दबाव बनाया जाने लगा। उनके स्टाफ सदस्य भी काफी दबाव में आ गए हैं, क्योंकि पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। बयान में यह भी कहा गया है कि उनकी सैलरी (सुरेश) एचआरडीएस के फंड से दी गई थी। एचआरडीएस इंडिया के उपाध्यक्ष केजी वेणुगोपाल, जो आरएसएस से जुड़े रहे हैं, उन्होंने कहा था कि जब तक वह उनके संगठन की कर्मचारी हैं, तब तक हम उनकी रक्षा करेंगे।

गौरतलब है कि सोना तस्करी मामले की मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश ने 7 जून 2022 को मुख्यमंत्री विजयन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। कोच्चि की अदालत में पेशी के बाद उसने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि विजयन डिप्लोमेटिक बैगेज की आड़ में सोने की तस्करी में शामिल थे। उसने कहा था, “इस मामले में मैंने अदालत से केरल के मुख्यमंत्री, उनके पूर्व प्रमुख सचिव एम. शिवशंकर, विजयन की पत्नी कमला, बेटी वीणा, उनके अतिरिक्त निजी सचिव सी.एम. रवींद्रन, पूर्व नौकरशाह नलिनी नेट्टो और पूर्व मंत्री के.टी. जलील की संलिप्तता के बारे में भी बताया है। साथ ही मैंने कोर्ट में अपनी सुरक्षा की माँग करते हुए याचिका भी दायर की है।”

क्या है गोल्ड स्मगलिंग केस

केरल में सोना तस्करी का मामला जुलाई 2020 में सामने आया था। डिप्लोमेटिक बैगेज की आड़ में सोने की तस्करी का मामला स्वप्ना सुरेश से शुरू हुआ और फिर इसके तार मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के दफ्तर तक पहुँच गए। स्वप्ना सुरेश पर आरोप था कि उन्होंने फर्जी डाक्यूमेंट्स पेश कर 2 जुलाई 2020 को ‘डिप्लोमेटिक इम्युनिटी’ का प्रयोग कर खाड़ी देशों से 30 किलो सोने की तस्करी की। इसका खुलासा 6 जुलाई को तब हुआ, जब कस्टम के अधिकारियों ने यूएई कॉन्सुलेट के एक अधिकारी से पूछताछ की, जो PRO के पद पर तैनात था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया