58 आर्थिक भगोड़ों के प्रत्यर्पण को लेकर सख्त केंद्र सरकार; कईयों के खिलाफ जारी हुआ इंटरपोल नोटिस

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ताजा ख़बरों के अनुसार केंद्र सरकार सिर्फ विजय माल्या ही नहीं बल्कि 58 अन्य भगोड़ों के भी प्रत्यर्पण की कोशिश में लगी है। यह बताता है कि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने देश से आर्थिक गड़बड़ी या घोटाला कर के विदेश भागे कई भगोड़ों को वापस भारत में लाने के लिए सख्त रवैया अपनाया है। यही नहीं, केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने तो यहाँ तक कहा कि सरकार ने उन सभी भगोड़ों की धड़-पकड़ के लिए अलग-अलग देशों में इंटरपोल के रेड कार्नर नोटिस जारी करने में सफलता पाई है। बता दें कि इसी साल 25 जुलाई को संसद की कार्यवाही के दौरान जनरल सिंह ने एक सवाल के जवाब में ऐसे वक्तियों की सूची पेश की थी और कहा था;

“इन आरोपियों को एलओसी, आरसीएन (रेड कॉर्नर नोटिस) और प्रत्यर्पण के माध्यम से वापस लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।”

वहीं इसी साल 23 मार्च को भी राज्यसभा में इसी मामले से सम्बंधित एक सवाल का जाब देते हुए जनरल सिंह ने बताया था;

“2014 के बाद से 23 भगोड़े अभी तक प्रत्यर्पित किए गए हैं. मार्च 2018 तक भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस सहित 48 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें जर्मनी, यूके, और हांगकांग के अलावा, क्रोएशिया, इटली और स्वीडन के साथ प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए गए हैं।”

इस से ये भी पता चलता है कि सरकार इस मामले में गंभीर है और कई दिनों से प्रयास कर रही है। वहीं इंटरपोल की नोटिस के साथ ही इसके परिणाम भी दिखने शुरू हो गए हैं।

सरकार ने कल संसद में इस बारे में विशेष जानकारी देते हुए बताया कि वह विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, नितिन और चेतन संदेसरा, ललित मोदी सहित कुल 58 ऐसे भगोड़ों को वापस लाना चाहती है जो यहां घोटाले करने के बाद भाग कर विदेशों में रह रहे हैं। विदेश मंत्रालय के एक विस्तृत जवाब में यह भी बताया गया है कि अक्टूबर में सरकार ने वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीद घोटाले में दो अन्य बिचौलियों के प्रत्यपर्ण की मांग भी इटली से की है। बता दें कि इन बिचौलियों के भारत वापस आने से वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में और भी खुलासे होने की सम्भावना है क्योंकि इसी मामले में क्रिस्चियन मिशेल को पहले ही यूएई से प्रत्यार्पित किया जा चुका है।

वहीं विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी के बारे में कहा;

“नीरव मोदी के खिलाफ पहले ही रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है और इंग्लैंड में उसके खिलाफ अगस्त में प्रत्यर्पण की दो अन्य मांगें भी भेजी जा चुकी हैं। साथ ही, उसके भाई नीशल और नजदीकी सहयोगी सुभाष परब के लिए भी यूएई से प्रत्यर्पण की मांग की गई है। नीशल के लिए बेल्जियम और परब के लिए इजिप्ट से भी प्रत्यर्पण की मांग की गई है।”

मेहुल चोकसी के बारे में विदेश मंत्रालय ने बताया;

“ऐंटिगुआ से मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की मांग की गई है और उसके खिलाफ हाल में इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया है।”

विदेश मंत्रालय ने बताया कि इसी प्रकार आईपीएल के कमिश्नर रहे ललित मोदी के प्रत्यर्पण के लिए भी सिंगापुर से मांग की गई है। इसके अलावे हामेल महेंद्रभाई लंगालिया, राजीव वर्मा, सैयद जैनुल हासन सहित कईयों के प्रत्यर्पण के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

वहीं विदेश राज्यमंत्री के अनुसार इसी तरह के मामले में शामिल रहे विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश ब्रिटेन की कोर्ट ने दिया है। जल्द ही उसे भारत लाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। वहीं दूसरी तरफ गुजरात के वडोदरा के कारोबारी संदेसरा ब्रदर्स के खिलाफ भी प्रवर्तन निदेशालय रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया पूरी करने में लगा हुआ है। इससे पहले इनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी हो चुका है। वडोदरा के कारोबारी और बैंकों को 5700 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाने वाले स्टर्लिंग बायोटेक के मालिक नितिन और चेतन संदेसरा भी आर्थिक भगोड़ों की सूची में शामिल हैं।

इस से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अंग्रेजी अमाचार चैनल रिपब्लिक के एक कार्यक्रम में इस बारे में बोलते हुए कहा था;

“बैंकों को लूटकर जो भगोड़े हो जाते हैं, उनके लिए भी सख्त कानून अपना काम कर रहा है। अब देश में ही नहीं विदेशों में भी ऐसे अपराधियों की संपत्ति कुर्क हो रही है। ऐसे तमाम अपराधियों को दुनिया के किसी भी कोने में छुपने की जगह नहीं मिले, इसके लिए ये सरकार प्रतिबद्ध है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया