G20 देशों को राष्ट्रपति के न्योते में ‘भारत’, असम के CM के ट्वीट में ‘भारत’, मीडिया के दावों में ‘भारत’: क्या संसद के विशेष सत्र में INDIA हटाने जा रही है मोदी सरकार

क्या संसद के नए सत्र में देश का नाम नहीं रहेगा 'India', सिर्फ 'भारत'?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 18 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस सत्र में कोई क्वेश्चन ऑवर नहीं होगा, साथ ही प्राइवेट मेंबर बिल भी नहीं लाया जा सकेगा। साफ़ है, संसद के इस विशेष सत्र का विशेष उद्देश्य भी है, क्योंकि हाल ही में मॉनसून सत्र का समापन हुआ है। चूँकि मोदी सरकार ने बताया नहीं है कि इसका उद्देश्य क्या है, इसीलिए मीडिया में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, विपक्षी दल भी इसमें कूद पड़े हैं और बहस का एक नया दौर शुरू हो गया है।

पहले चर्चा चली कि मोदी सरकार ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल लेकर आ रही है, जिसके तहत देश भर में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव होंगे। हालाँकि, इसके लिए हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 8 सदस्यीय कमिटी बनाई गई है, ऐसे में कमिटी को रिपोर्ट तैयार करने में लंबा समय लग सकता है। अब चर्चा है कि देश का नाम ‘India’ हटा कर सिर्फ ‘भारत’ रखे जाने की योजना है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने इन अटकलों को और बल दिया है और कहा है कि ये सच हो सकता है।

कॉन्ग्रेस के जयराम रमेश ने कहा – G20 के आमंत्रण में ‘India’ की जगह ‘भारत’

उन्होंने एक ट्वीट कर लिखा, “तो ये खबर वस्तुतः सच है। 9 सितंबर को G20 के डिनर के लिए राष्ट्रपति भवन की तरफ से जो आमंत्रण भेजे गए हैं, उसमें हमेशा की तरह ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ नहीं, बल्कि इसकी जगह ‘प्रेजिडेंट ऑफ भारत’ लिखा हुआ है। अब संविधान के अनुच्छेद 1 को बदल कर ऐसे किया जा सकता है – ‘भारत, जो इंडिया था, राज्यों का एक संघ है।’ लेकिन, अब तो राज्यों के इस संघ पर भी प्रहार हो रहा है। नरेंद्र मोदी इंडिया, जो भारत है, राज्यों का संघ है, उसके इतिहास को तोड़-मरोड़ सकते हैं और इसे विभाजित कर सकते हैं। लेकिन, हम पीछे नहीं हटेंगे।”

राष्ट्रपति भवन द्वारा भेजे गए आमंत्रण पत्र में ‘India’ नहीं, ‘भारत’

जयराम रमेश ने ये भी बताया कि I.N.D.I.A. गठबंधन का औचित्य क्या है? उन्होंने कहा कि ये भारत है – समरसता, मेलजोल, समन्वय और विश्वास लेकर आना। उन्होंने BHARAT का फुल फॉर्म बताया – Bring Harmony, Amity, Reconciliation And Trust. साथ ही उन्होंने ‘जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया’ नामक टैगलाइन भी लगाया। यानी, विपक्षी दल भी इस अटकल को हवा दे रहे हैं कि ताज़ा संसद सत्र में देश का नाम सिर्फ ‘भारत’ रखा जाएगा और ‘India’ हटा दिया जाएगा जो अंग्रेजों ने रखा था।

क्या नए संसद सत्र के बाद देश का नाम नहीं रहेगा ‘India’?

कुछ भाजपा नेताओं के भी बयान देखें तो इशारों-इशारों में इसी तरह की बातें की गई हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का ताज़ा ट्वीट देखिए। उन्होंने लिखा है, ‘भारत का का गणतंत्र: मैं खुश और गर्वित हूँ कि हमरी सभ्यता अमृत काल की तरफ बढ़ रही है।’ इससे पहले भी जब विपक्ष ने अपने गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. रखा था तब सीएम सरमा ने खुद को भारत का निवासी बताया था और अपने ट्विटर बायो में से ‘India’ हटा दिया था। सोशल मीडिया पर भी लोग उत्साहित होकर देश का नाम केवल ‘भारत’ रखे जाने का स्वागत कर रहे हैं।

अब कुछ दिन पहले की बात करते हैं। 28 जुलाई, 2023 को ये मामला संसद में वैसे भी गूँज चुका है। भाजपा के राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने माँग की थी। उन्होंने कहा था कि अभी जब आज़ादी का अमृत काल चल रहा है, संविधान के अनुच्छेद-1 को संशोधित कर के इस पुण्य पावन धरा का नाम केवल ‘भारत’ रखा जाना चाहिए। कि देश का नाम सिर्फ ‘भारत’ रखा जाए और ‘इंडिया’ को हटा दिया जाए। उन्होंने याद दिलाया था कि विगत स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा था कि देश को दासता के चिह्नों से मुक्ति दिलाए जाने की आवश्यकता है।

ऐसे में इन अटकलों को बल मिलना लाजिमी है कि क्या देश का नाम अब सिर्फ ‘भारत’ रहेगा, ‘India’ नहीं। प्राचीन काल से हमारे देश का नाम भारत ही रहा है। हाल ही में RSS प्रमुख भागवत ने भी कहा था कि हमें अपने देश का नाम ‘India’ की जगह ‘भारत’ ही कहना चाहिए, इससे बदलाव आएगा। ट्विटर पर लगातार लोग इसकी चर्चा कर रहे हैं कि ऐसा होता है तो ये सही है या गलत। हालाँकि, इसके लिए हमें संसद के विशेष सत्र तक इंतजार करना होगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया