केजरीवाल और संजय सिंह को राहत देने से गुजरात हाई कोर्ट का इनकार, फर्जी हस्ताक्षर मामले में राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित

केजरीवाल, संजय सिंह, राघव चड्ढा... तीनों फँसे!

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा फर्जी सिग्नेचर मामले में राज्यसभा से निलंबित कर दिए गए हैं। उन पर यह कार्रवाई उनके द्वारा एक दिन पहले मीडिया में दिए गए बयान की वजह से हुआ। राघव चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया में अपने खिलाफ की गई शिकायत पर सफाई पेश की थी। दरअसल, मामला जब प्रिवेलेज कमिटी के पास है तो मीडिया में खुद को डिफेंड करना नियमों का उल्लंघन माना गया है। इसी को आधार बनाकर चड्ढा को सस्पेंड किया गया है।

AAP के दूसरे सांसद संजय सिंह की मुश्किलें भी कम नहीं हुई हैं। उनका सस्पेंशन भी बढ़ा दिया गया है। साथ ही PM मोदी के डिग्री के मामले में AAP सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल को भी झटका लगा है। 

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को PM मोदी के डिग्री मामले में बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने उनकी याचिका में कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। इस मामले में गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर उनके पुनरीक्षण के निपटान तक सुनवाई पर अंतरिम रोक लगाने की माँग की गई थी।

बता दें कि आम आदमी पार्टी के अन्य सांसद संजय सिंह पहले ही राज्यसभा से निलंबित चल रहे हैं। राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें पूरे सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया था। वहीं अब आप सांसद राघव चड्ढा पर भी उनके अमर्यादित व्यवहार की वजह से कार्रवाई की गई है। राघव चड्ढा पर यह कार्रवाई दिल्ली सेवा विधेयक को लेकर पाँच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर के मामले में हुई है।

राघव चड्ढा पर आरोप है कि उन्होंने सांसदों की मंजूरी के बिना उनकी सदस्यता वाली समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था, जो कि नियमों का उल्लंघन है। इस प्रकार, AAP के दोनों नेताओं को विशेषाधिकार समिति का फैसला आने तक राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्यसभा में बीजेपी सांसद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राघव चड्ढा के मामले पर प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा, यह बहुत गंभीर मामला है। जिस तरह से बिना सदस्यों की जानकारी के उनका नाम लिस्ट में डाल दिया गया है, वह बहुत ही गलत बात है।  

रिपोर्ट आने तक संजय सिंह भी निलंबित

संजय सिंह निलंबन मामले पर पीयूष गोयल ने, “संजय सिंह ने भी जिस तरह से राज्यसभा में आचरण किया, वो भी बेहद निंदनीय है। वो निलंबन के बाद भी सदन में बैठे रहे। इसकी वजह से सदन की कार्रवाई भी स्थगित करनी पड़ी। ये चेयर का अपमान है। संजय सिंह अब तक 56 बार वेल में आ चुके हैं, जो दिखाता है कि वो सदन की कार्रवाई बाधित करना चाहते हैं।”

AAP के राघव चड्ढा पर इन सांसदों ने दर्ज कराई शिकायत

राज्यसभा की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि सभापति के पास सांसद सस्मित पात्रा, एस फेंगोन कोन्याक, एम थंबीदुरई, सुधांशु त्रिवेदी और नरहरि अमीन ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया:

“बिना उनकी मंजूरी के उनके नाम शामिल किए गए, यह राज्यसभा की कार्यवाही प्रक्रिया के नियमों का उल्लंघन है।”

बता दें कि राघव चड्ढा ने दिल्ली सेवा संशोधन बिल 2023 पर विचार के लिए एक समिति का गठन करने की माँग की थी। इस समिति के लिए ही उक्त सांसदों के नाम दिए गए थे।

क्या है संजय सिंह के निलंबन का मामला

मौजूदा समय में आम आदमी पार्टी के एक अन्य सांसद संजय सिंह भी पहले ही राज्यसभा से निलंबित चल रहे हैं। राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें पूरे सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया था।

मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री मोदी के संसद में बयान देने की माँग को लेकर विपक्ष ने मॉनसून सत्र के दौरान जमकर हंगामा किया। इसी मुद्दे पर आप सांसद संजय सिंह हंगामा करते हुए सभापति की कुर्सी तक आ गए। सभापति ने जब उन्हें वापस जाने को कहा तो वह नहीं माने। सदन में अमर्यादित व्यवहार के चलते केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संजय सिंह के निलंबन का प्रस्ताव रखा, जो ध्वनिमत से पास हो गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया