जिसे कहते हैं हाजी मलंग की दरगाह, वो है गुरु मछिंद्रनाथ का मंदिर: हिंदू समूहों का दावा, बोले महाराष्ट्र के CM- मैं इसे मुक्त कराऊँगा

CM एकनाथ शिंदे और दरगाह (चित्र साभार: NDTV & Fiazan E qadir/FB)

महाराष्ट्र के ठाणे जिला में स्थित हाजी अब्दुल रहमान उर्फ़ मलंग शाह की दरगाह को लेकर एक बार फिर विवाद गहरा गया है। हिन्दू संगठनों का दावा है कि इस दरगाह के नीचे हिन्दू मंदिर हैं। उन्होंने इसकी जाँच की माँग को तेज कर दिया है। हिंदू संगठनों की इस कोशिश में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का साथ मिला है।

क्या है इस हाजी मलंग शाह की दरगाह को लेकर विवाद?

मलंग शाह दरगाह ठाणे की माथेरान पहाड़ियों पर स्थित एक दुर्ग (किला) में स्थित है। दुर्ग का नाम मलंगगढ़ है। यहीं पर हाजी मलंग शाह नाम की यह दरगाह स्थित है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह दरगाह 12वीं शताब्दी में यमन से भारत आए सूफी फकीर अब्द उल रहमान या अब्दुल रहमान की है।

दूसरी तरफ हिन्दू पक्ष इस तर्क से सहमत नहीं है। हिंदू पक्ष का कहना है कि मुस्लिमों का दरगाह नहीं, बल्कि गुरु गोरखनाथ के गुरु और नवनाथों में से एक गुरु मछिंद्रनाथ का मंदिर है। हिन्दू पक्ष का कहना है कि नाथ परम्परा को समर्पित यह हिंदू मंदिर इस दरगाह के नीचे स्थित है।

कहाँ से शुरू हुआ विवाद?

इस दरगाह को लेकर सदियों से विवाद चला आ रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 18वीं शताब्दी में यहाँ मराठाओं ने इस धार्मिक स्थल का प्रबन्धन करने के लिए काशीनाथ पन्त केतकर को भेजा था। तब से आज तक काशीनाथ पंत केतकर नाम के ब्राह्मण का परिवार ही इस दरगाह का प्रबंधन देखता है।

हालाँकि, स्थानीय मुस्लिमों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि यहाँ दरगाह है और इसका प्रबन्धन एक हिंदू नहीं कर सकता। हालाँकि, बाद में इसका निर्णय एक लॉटरी के जरिए किया गया, जिसमें निर्णय केतकर के पक्ष में गया। इसके बाद इस दरगाह पर 1980 के दशक में दोबारा विवाद हुआ।

दरगाह के साथ में मंदिर होने का दावा लेकर शिवसेना के नेता आनंद दीघे ने आवाज उठाई और मछिन्द्रनाथ के मंदिर को लेकर शिवसैनिकों को यहाँ 1996 में पूजा की। इस पूजा में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी भी शामिल हुए थे। यहाँ पर हिन्दू मछिन्द्रनाथ की पूजा, आरती और रोज भोग लगाते हैं। हर पूर्णिमा को यहाँ विशेष पूजा होती है।

हिंदुओँ के साथ-साथ यहाँ मलंग शाह के अनुयायी भी पहुँचते हैं। कई बार हिन्दू श्रद्धालुओं के साथ यहाँ बदसलूकी और पूजा में व्यवधान डालने के मामले में भी सामने आए हैं। मार्च 2021 में ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जब आरती कर रहे हिन्दू श्रद्धालुओं के सामने 50-60 मुस्लिमों ने ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाए थे। इसके अलावा भी समय-समय पर यहाँ इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हिन्दू भक्तों से कहा है, “मलंगगढ़ को लेकर आपकी भावनाओं को मैं समझता हूँ। आनंद दीघे ने इस मंदिर को मुक्त करवाने को लेकर अभियान शुरू किया था। उन्होंने हमें ‘जय मलंग, श्री मलंग’ के नारे लगवाये थे। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि कुछ मामले ऐसे होते हैं, जो जनता में बात करने के लिए नहीं होते। मैं मलंगगढ़ के विषय में आपकी भावनाएँ जानता हूँ और कहना चाहता हूँ कि एकनाथ शिंदे आपकी इच्छाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।”

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, आनंद दीघे के राजनीतिक शिष्य हैं। आनंद दीघे महाराष्ट्र में शिवसेना के बड़े नेता थे और जहाँ बाल ठाकरे पार्टी का करिश्माई चेहरा थे तो वहीँ आनंद दीघे का संगठन बनाने में बड़ा हाथ माना जाता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया