‘BJP को समर्थन है’ – चौटाला के छोटे भाई रणजीत सिंह का ऐलान, 4 अन्य ने भी लगाई मुहर!

निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह ने बीजेपी को दिया समर्थन (फोटो साभार: ANI)

हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी की पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। लेकिन बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। पार्टी को सरकार बनाने के लिए 6 विधायकों की ज़रूरत है। ऐसे में वह निर्दलीय विधायकों के समर्थन से फिर से सरकार बनाने की तैयारी में है। इसी बीच रानिया सीट से निर्दलीय विधायक और ओमप्रकाश चौटाला के छोटे भाई रणजीत सिंह चौटाला ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया।

रणजीत सिंह चौटाला ने हरियाणा बीजेपी के प्रभारी और बीजेपी महासचिव अनिल जैन से मुलाकात कर बीजेपी को समर्थन देने की बात कही। आजतक की खबर के अनुसार इनके अलावा रणधीर गोलन, बलराज कुंडू, राकेश दौलताबाद और गोपाल कांडा ने भी आज सुबह-सुबह (25 जनवरी, 2019) को राज्य में भाजपा सरकार बनाने के लिए अपने समर्थन की स्वीकृति दी है। बता दें कि सिरसा जिले की पाँच विधानसभा सीटों में इस बार भाजपा के खाते में कोई सीट नहीं आई है।

आपको बता दें कि रानिया से जीते रणजीत सिंह 31 साल बाद एक बार फिर से विधानसभा की सीढ़ियाँ चढ़ेंगे। रणजीत सिंह का एक वीडियो सामने आया है। इसमें रणजीत सिंह कहते हैं, “मैं बीजेपी को अपना समर्थन दे रहा हूँ। मैं रानिया विधानसभा से एमएलए चुनकर आया हूँ। मैं मोदी जी की नीतियों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी को अपना समर्थन दे रहा हूँ।”

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इसके अलावा बीजेपी को पृथला से निर्वाचित नयनपाल रावत और दादरी से सोपवीर सांगवान का भी समर्थन मिला है, ऐसी खबर है। लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

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हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला ने भी कहा है कि निर्दलीय विधायक बीजेपी के साथ हैं और राज्य में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में बीजेपी फिर से सरकार बनाने जा रही है। उन्होंने कहा, “जनता का जनादेश बीजेपी को मिला है। हालाँकि इस बात की हम समीक्षा भी करेंगे कि हमें इस बार पिछली बार की तुलना में सात सीटें कम क्यों मिलीं। पार्टी और मुझे स्वयं इस चुनाव के परिणामों से सीखने को मिलेगा। हम राज्य में पार्टी को मजबूत करने के लिए कदम उठाएँगे।” वहीं सरकार बनाने की बात पर उन्होंने कहा, “हरियाणा के निर्दलीय विधायक बीजेपी के साथ हैं। मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में सरकार बनेगी। वो आज चर्चा के लिए दिल्ली आ रहे हैं।”

बता दें कि रणजीत सिंह को रानिया से दो विधानसभा चुनावों में हार का मुँह देखना पड़ा था। इसी के चलते ही कॉन्ग्रेस पार्टी ने इस बार उनकी टिकट काटकर नए उम्मीदवार विनीत कंबोज को दी थी। लेकिन विनीत कंबोज पाँचवें नंबर पर रहे। टिकट कटने पर रणजीत सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। रणजीत सिंह 1987 के बाद अब 31 साल बाद विधानसभा चुनाव जीते हैं। इस समय के दौरान न तो वे लोकसभा और न ही विधानसभा जीत पाए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया