अमित शाह ने बताया किन लोगों के लिए है डिटेंशन सेंटर, कहा- NPR का NRC से कोई संबंध नहीं

अमित शाह (फोटो साभार-ANI)

पिछले कई दिनों से देशभर में एनआरसी और सीएए के विरोध पर बवाल मचा हुआ है। लोग नागरिकता संशोधन कानून के साथ ही संभावित NRC को लेकर मीडिया और वामपंथियों और विपक्षी राजनीतिक पार्टियों द्वारा फैलाए भ्रम के कारण सडकों पर थे। बता दें कि आज मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने को भी मंजूरी दी गई है। अप्रैल से दिसंबर तक NPR की प्रक्रिया चलेगी। इसमें नागरिकों का एक रजिस्टर बनाया जाएगा। इसके बाद ही इस बात की भी चर्चा शुरू हो गई थी कि एनपीआर और एनआरसी में क्या कोई संबंध है? एनपीआर को लेकर भी लोगों में भ्रम न फैलाया जाए। उसे मद्देनजर रखते हुए ANI को दिए इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने, एनपीआर, एनआरसी, सीएए और डिटेंशन सेंटर जैसे मुद्दों पर खुलकर जवाब दिया।

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ANI से बातचीत करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा मैं एक बार स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि NRC और एनपीआर में कोई भी संबंध नहीं है। एनआरसी के मुद्दे पर गृहमंत्री ने कहा, अभी इस पर बहस की कोई जरूरत नहीं है। अभी इस पर मंत्रिमंडल में कोई बात नहीं हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर पहले ही सब साफ कर चुके हैं। इस पर अभी न ही कैबिनेट में और न ही पार्लियामेंट में कोई चर्चा हुई है।

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एनपीआर के समय पर सवाल पर उन्होंने कहा, “इसे सीएए या एनआरसी से जोड़ना गलत है। हमने जुलाई 2019 में ही एनपीआर के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। तो ये कहना कि हम इसे इस समय क्यों लाए, इस पर सवाल उठाना गलत है।

नागरिकता संशोधन कानून पर देशभर में हुए विरोध को लेकर अमित शाह ने कहा कि नागरिकता कानून को लेकर सबसे ज्यादा उत्तर पूर्वी राज्यों में विरोध की उम्मीद थी, लेकिन वहाँ तुलनात्मक रूप से शांति रही। बाकी जगहों पर राजनीतिक विरोध हुआ है।

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NPR को लेकर विस्तृत जानकारी देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि देश की जनगणना का संवैधानिक प्रोविजन 10 साल में करने का है। 2011 में पिछली जनगणना हुई थी, इसलिए अगली 2021 में होनी है। जनगणना की प्रक्रिया अप्रैल 2020 में शुरु होगी। तब मकानों की मैपिंग शुरु होगी। पूरी जनगणना और एनपीआर 2021 में होगा।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एनपीआर को लेकर कहीं पर भी देश के किसी भी नागरिक को मन में ये शंका लाने का कोई कारण नहीं है और खासकर अल्पसंख्यक भाई-बहनों को कि इसका उपयोग एनआरसी बनाने के लिए होगा, इसका इससे कोई लेना-देना नहीं है। NPR को लेकर कोरी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। अप्रैल 2019 से पूरे देश में कराई जाने वाली जनगणना को लेकर अमित शाह ने कहा कि एनपीआर हमारा या हमारे घोषणापत्र का एजेंडा नहीं है। यह कॉन्ग्रेस सरकार लेकर आई थी। अच्छी योजना है, इसलिए इसे हम भी इसे आगे बढ़ा रहे हैं।

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गृहमंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि मैं जनता को बताना चाहता हूँ कि एनपीआर का इस्तेमाल एनआरसी के लिए नहीं हो सकता है। एनपीआर के डेटा का इस्तेमाल सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुँचाने के लिए होता है।

डिटेंशन सेंटर के सवाल पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मेरी जानकारी के हिसाब से असम में एक डिटेंशन सेंटर है, कोई और डिंटेशन सेंटर मेरी नजर में नहीं है। और वो भी प्रक्रिया का हिस्सा है। जब भी कोई अवैध नागरिक देश में कहीं पकड़ा जाता है तो उसे कहीं तो रखेंगे। जेल में नहीं रख सकते। उसे एक जगह रखते है और फिर उसे डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू होती है। ये नया नहीं है ये सब प्रक्रिया का ही हिस्सा है।

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नागरिक संशोधन कानून (CAA) पर असदुद्दीन ओवैसी की आलोचना पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर हम कहें कि सूर्य पूर्व से उगता है तो ओवैसी जी कहते हैं कि यह पश्चिम से नहीं उगता, वह हमेशा हमारे रुख का विरोध करते हैं। फिर भी मैं उन्हें फिर से विश्वास दिलाता हूँ कि CAA का NRC से कोई लेना-देना नहीं है।

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गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA)-2019 के खिलाफ देश के कई हिस्सों में जमकर विरोध प्रदर्शन और हिंसक घटनाए हुईं हैं। दिल्ली से लेकर मुंबई और लखनऊ से लेकर बेंगलुरु तक प्रदर्शनकारी इस कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे। भारी संख्या में अफवाह फ़ैलाने और आगजनी तथा हिंसा के आरोप में गिरफ्तारियाँ हुई हैं। वहीं, अभी भी कई राज्यों एवं शहरों में प्रदर्शनकारी नागरिक संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं। संभव है गृहमंत्री के इस स्पष्टीकरण से अब इस तरह की अफवाहों पर लगाम लगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया