हरियाणा चुनाव परिणाम: केजरीवाल के घर में NOTA से भी पिछड़ी AAP, वामपंथी दलों की और भी हालत ख़राब

केजरीवाल का चुनाओं में प्रदर्शन नोटा से भी ख़राब

दो राज्यों के चुनावी नतीजे तो आ ही चुके हैं, और भाजपा-कॉन्ग्रेस का जो कुछ होना है वो अब नंबरों की जोड़ तोड़ से हो ही जाएगा। लेकिन एक दूसरे दिलचस्प समीकरण में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ शोर शराबा सबसे अधिक करने वाली आम आदमी पार्टी और लेफ्ट पार्टियाँ ‘NOTA’ (None Of The Above, इनमें से कोई भी नहीं) से भी पीछे दिख रहीं हैं। यानि दिल्ली के मुख्यमंत्री के ‘घर’ में ही उनकी पार्टी की पूछ नोटा से भी कम हो गई है। गौरतलब है कि दिल्ली के बगल में ही स्थित हरियाणा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का गृह राज्य है। इसी तरह चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद आँकड़ों के हिसाब से कम्युनिस्टों को भी NOTA से कम ही वोट मिले हैं।

चुनाव आयोग का डाटा बताता है कि NOTA का मत प्रतिशत (वोट शेयर) इन चुनावों के कुल मतों का 0.55% रहा। वहीं आम आदमी पार्टी को केवल 0.45% वोट ही मिले। कम्युनिस्टों की बदहाली का तो ये आलम है कि CPI और CPI(M) को महज़ 0.03% और 0.09% वोट ही मिले।

चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट से मिले आँकड़े

केजरीवाल की अध्यक्षता वाली आम आदमी पार्टी ने 90 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए 46 उम्मीदवार चुनाव में उतारे थे। पार्टी ने कई लोक लुभावन वादे भी किए थे, जिनमें हर परिवार को 20,000 लीटर पानी मुफ्त देने के अलावा सेना की ड्यूटी में जान गँवाने वाले राज्य के हर जवान के परिवारीजनों को राज्य सरकार की ओर से ₹1 करोड़ और हर परिवार को मुफ़्त में 200 यूनिट बिजली देना भी शामिल है। लेकिन नतीजों को देख कर लग रहा है कि जनता पर उनके वादों का कोई ख़ास असर नहीं हुआ, और लोगों ने आप की बजाय NOTA को तरजीह दी।

और यह पहली बार भी नहीं है कि NOTA के आगे आम आदमी पार्टी की शर्मनाक हार हुई हो। पूरे 2018 भर यही चलन रहा कि जिन-जिन विधानसभाओं के चुनावों में आम आदमी पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतारे, उसे करारी हार का स्वाद चखना पड़ा। करीब एक साल पहले हुए राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भी NOTA ने जहाँ 1.1% वोट बटोरे, वहीं आम आदमी पार्टी केवल 0.4% तक ही जा पाई। छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी को केवल 0.9% वोट मिले, और NOTA अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर 2% वोट खींचने में सफ़ल रहा। मध्य प्रदेश में भी जहाँ NOTA 1.4% मतदान पाने में सफल रहा, वहीं आम आदमी पार्टी 0.7% के आगे नहीं बढ़ पाई।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया