वाराणसी की संसदीय सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन भरने वाले अतीक अहमद ने आखिरी समय में मैदान से हटने का फैसला किया है। मीडिया खबरों के मुताबिक अतीक ने इसका कारण ‘पैरोल’ न मिलने को बताया है। साथ ही इस चुनाव में उन्होंने किसी उम्मीदवार को समर्थन न देने की भी घोषणा की है।
https://twitter.com/News18India/status/1127766720075055105?ref_src=twsrc%5Etfwगौरतलब है कि पूर्व सांसद अतीक अहमद ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरने के उपरांत पैरोल की अर्जी दी थी, लेकिन कुछ दिनों पहले एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट और उच्च न्यायालय ने उनकी अपील खारिज़ कर दी थी। इसके बाद अतीक के चुनाव एजेंट वकील शहनवाज आलम ने रविवार (मई 12,2019) को अतीक की ओर से पत्र लिखा। इस पत्र में उनके चुनावी मैदान से हटने की बात थी।
https://twitter.com/indialivenew1/status/1126065829479616513?ref_src=twsrc%5Etfwइस पत्र में अतीक की ओर से लिखा गया कि उन्होंने सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए सभी दलों से समर्थन माँगा था लेकिन उन्हें न किसी ने समर्थन दिया और न ही अदालत ने पैरोल की अर्जी को मंजूर किया। अब ऐसे में उनका चुनाव लड़ना और लड़कर मतों को विभाजित करना उचित नहीं है।
इस पत्र में अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा पर निशाना साधते हुए अहमद ने कहा कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत हैं लेकिन यहाँ ऐसी विचारधारा के लोग भी मौजूद हैं, जो लोकतंत्र को समाप्त कर हिटलरशाही लाना चाहते हैं। उन्होंने मतदाताओं से सांप्रदायिक ताकतों को परास्त करने की अपील की। इसके अलावा इस पत्र के जरिए उन्होंने बताया कि चुनाव में किसी दल ने उनसे समर्थन नहीं माँगा है इसलिए वह भी किसी को समर्थन नहीं देंगे।
https://twitter.com/UPNBT/status/1127591762007134209?ref_src=twsrc%5Etfwबता दें नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के कारण बैलेट यूनिट में अतीक अहमद का चुनाव चिह्न अंकित रहेगा लेकिन शाहनवाज़ (अतीक के चुनाव एजेंट) ने स्पष्ट किया है कि उनकी ओर से किसी तरह का पास और अनुमति नहीं ली जाएगी।
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