सिर पर कफन बांधकर आना… महाभारत होगी: नतीजों से पहले इंडी गठबंधन के नेताओं ने कार्यकर्ताओं को भड़काया, कर रहे भीड़ इकट्ठा

अखिलेश यादव, राहुल गाँधी और पप्पू यादव

लोकसभा चुनाव के नतीजे साफ होने से पहले विपक्षियों ने अपने कार्यकर्ताओं को भड़काना शुरू कर दिया है। मतगणना वाले दिन से पहले मद्देनजर विरोधी दलों के नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आए हैं जिसमें उकसाने का काम हो रहा है। किसी ने कार्यकर्ताओं से मतगणना वाले दिन सिर पर कफन बाँध कर आने को कहा है तो कोई बड़ी तादाद पर लोगों को मतगणना सेंटर के बाहर खड़े होने को बोल रहा है।

ऑल इंडिया कॉन्ग्रेस कमेटी ने मतगणना से एक दिन पहले प्रेस रिलीज जारी करके अपने कार्यकर्ताओं से गिनती वाले दिन सतर्क रहने को कहा। उन्होंने कहा है कि कार्यकर्ता घर में बैठकर न्यूज चैनलों पर रिजल्ट न देखें बल्कि कॉन्ग्रेस के सभी कार्यकर्ता जिला कॉन्ग्रेस के दफ्तों और राज्यों में सुबह से पहुँचे। वहाँ देखते रहें कि अगर कुछ गड़बड़ हो तो रिकॉर्ड करके उसे तुरंत पार्टी द्वारा जारी नंबर पर भेजें। इतना ही नहीं कॉन्ग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओ को ये आइडिया भी दिया कि गड़बड़ी होगी तो उन्हें उसे रोकना होगा।

मतगणना सेंटर के बाहर कार्यकर्ताओं की भीड़ खड़ी करके कॉन्ग्रेस कैसे हालात बदलना चाहते हैं ये समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है। कॉन्ग्रेस के साथ इंडी गठबंधन का हिस्सा सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अपने भाषण में कार्यकर्ताओं को भड़काने का काम किया।

अखिलेश यादव का एक बयान वायरल हो रहा है जिसमें वह कहते सुनाई पड़ते हैं- जनता इस बार गाँधीजी को याद करते हुए करो या मरो की तरह आंदोलित हो गई है और अपने और अपने देश को बचाने के लिए नया स्वतंत्रता आंदोलन लड़ने को तैयार बैठी हुई है। जनता स्वतंत्रता सेनानियों की तरह तैयार है क्योंकि भाजपा काल में उनका जीवन तो वैसे ही दूभर हो गया है। देश का युवा फिर से सिर पर कफन बाँधकर कह रहा है- “मेरा रंग दे बसंती चोला।”

इसी प्रकार से बिहार के पूर्णिया से चुनावी मैदान में खड़े पप्पू यादव ने अपने समर्थकों से कहा- “मतगणना के लिए पूरी तैयारी से आना, कफन बाँध कर आना, मरने के लिए आना… कल पूर्णिया सीट पर लोकतंत्र की हत्‍या हुई तो महाभारत का संग्राम होगा। पूर्णिया के जिलाधिकारी और एसपी मतगणना प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ करें, हम उन्हें पूरा सहयोग करेंगे, लेकिन लोकतंत्र को बचाने के लिए हमारा एक-एक कार्यकर्ता कफन बाँधकर तैयार है।”

उल्लेखनीय है कि मतगणना से पहले जिस तरह से इंडी गठबंधन के नेता इस तरह के बयान देते दिखे उससे साफ पता चलता है कि वो अपने कार्यकर्ताओं को एक तरह से उकसा रहे हैं कि अगर नतीजे उनके पक्ष में नहीं आए तो वो हिंसा करें और हिंसा में जो भी अंजाम हो वो इसके लिए तैयार रहें। हम सब जानते हैं कि भीड़ को इकट्ठा करके उनसे हल्ला करवाने के कितने गंभीर परिणाम हो सकते हैं मगर कॉन्ग्रेस ऐसा कर रही है। उसने टीवी पर नतीजे देखने से अपने कार्यकर्ताओं को मना कर दिया है और मतगणना सेंटर पर बुलाया है ताकि कोई उपद्रव हो या कोई गुस्सा जाहिर करे तो सेंटर के बाहर सबके आगे करे। वे ये नहीं सोच रहे कि कार्यकर्ता हिंसक होने से गणना की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। वहीं पप्पू यादव ने खुलेआम महाभारत की बात कही है। अखिलेश ने देश के युवाओं को इस चुनाव में सिर पर कफन बाँधकर बलिदान होने के लिए कह दिया है।

संभव है इन सब नेताओं के बयानों पर चुनाव आयोग बाद में संज्ञान भी ले, लेकिन उससे पहले जो ये लोग करने की सोचे बैठे हैं वो किस तरह से लोकतंत्र को बचाने की दिशा में है ये विचार करने का विषय है। हमने बंगाल में कार्यकर्ताओं को भड़काने के नतीजे देखे हैं कि वहाँ कितने बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। अब भी उस हिंसा का असर लोगों में देखने को मिलता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया