दुनिया में कहीं भी आया संकट, भारतीयों के लिए PM मोदी बन गए संकटमोचक: यमन से लेकर इजरायल तक चले हर ऑपरेशन के बारे में जानिए सब कुछ

मोदी सरकार ने कई देशों से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला है (चित्र साभार: HT & Narendra modi/X)

विश्व शान्ति की अस्थिर हालत आज किसी से छिपी नहीं है। हर वर्ष कहीं ना कहीं से युद्ध- गृह युद्ध के समाचार मिलते हैं। इन युद्धों के बीच कई देशों के नागरिक फंसते हैं। भारत के भी करोड़ों नागरिक विश्व भर के दूसरे देशों में रहते हैं। विश्व भर में कहीं भी बड़ा युद्ध या आपदा आ जाए भारतीय नागरिकों को विश्वास है कि मोदी सरकार उन्हें वापस अपने देश ले आएगी। मोदी सरकार ने बीते 10 वर्षों में इस बात को सिद्ध किया है कि वह विश्व के किसी भी देश से भारतीयों को वापस लेकर आएगी। यह बीते समय में हुए राहव बचाव ऑपरेशन दिखाते हैं।

2020 में आई कोरोना महामारी के दौरान दुनिया के कई देशों से लाखों भारतीयों को कठिन समय में निकाल कर लाया। यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान भारत सरकार के मंत्री वहाँ फंसे भारतीय छात्रों को लेने गए। सूडान से भारतीय सेना लोगों को निकाल कर लाई। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से मात्र भारतीयों ही नहीं बल्कि, आसपास के देशों के लोगों को भी भारत ने संकट से बचाया है और संकटमोचक बन कर उभरा है। ऐसे में मोदी सरकार के इन बड़े ऑपरेशन पर एक नजर डाली जाए तो पता चलता है कि यह मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि है।

नेपाल में आया भूकम्प, भारत बढ़ाया ‘मैत्री’ का हाथ

नेपाल में अप्रैल 2015 में भीषण भूकम्प आया। इस भूकम्प से नेपाल का बड़ा हिस्सा और भारत का भी बड़ा इलाका थर्रा गया। पहले से आर्थिक रूप से कमजोर नेपाल की इस भूकम्प ने कमर तोड़ दी। हजारों घर गिरे, लाखों लोग बेघर हुए। नेपाल और भारत में रोटी-बेटी का रिश्ता रहा है। ऐसे में बड़ी सँख्या में भारतीय, नेपाल के भीतर इस भूकम्प में फंस गए। नेपाल के बड़े भाई का फर्ज अदा करते हुए मोदी सरकार ने तुरंत भारतीय सेनाओं को नेपाल में राहत बचाव के लिए भेजा।

भारतीय वायु सेना और थल सेना समेत आपदा मोचन बल की टुकड़ियों ने नेपाल पहुँच कर मोर्चा संभाला। इस दौरान भारत ने नेपाल की सहायता करने के साथ ही यहाँ फंसे 43,000 से अधिक भारतीयों को जमीन के रास्ते सुरक्षित रूप से 30 अप्रैल तक ही निकाल लिया था। वायु सेना और सेना के विमानों ने दौरान 2200 से अधिक उड़ानों के साथ 11,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया। इस दौरान भारती सेनाओं ने 1700 टन से अधिक सहायता का सामान पहुँचाया। भारतीय सेनाओं ने बड़ी संख्या में नेपालियों को भी बचाया।

यमन में हुआ गृह युद्ध, भारत ने पहुँचाई ‘राहत’

विश्व के नक़्शे पर बीच में पड़ने वाला अरबी भाषी इलाका लम्बे समय से विवादों और गृह युद्धों का गढ़ रहा है। अफ्रीका के हिन्द महासागर वाले कोने वाले इलाके में स्थित देश यमन भी 2015 में गृह युद्ध में फंसा। हूथी विद्रोहियों और सरकार के बीच भीषण लड़ाई छिड़ी। बड़ी सँख्या में यहाँ भारतीय संकट में फंस गए। मोदी सरकार ने तुरंत ही इस संकट से भारतीयों को निकालने के लिए आगे आई। भारत ने यहाँ से आपने नागरिकों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन राहत’ चलाया।

भारत ने नौसेना और वायु सेना को यहाँ भेज कर अपने नागरिक निकालने चालू किए। भारत ने 1 अप्रैल, 2015 को इस ऑपरेशन को चालू करके 11 अप्रैल को समाप्त किया। इस दौरान भारत ने 5600 से अधिक लोगों को बचाया। इनमें 4600 से अधिक भारतीय और 900 से अधिक विदेशी नागरिक शामिल थे। भारत ने अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों के नागरिकों को भी बचाया। भारत ने विश्व के 41 देशों के नागरिकों को इस ऑपरेशन में बचाया था। इस ऑपरेशन के लिए पीएम मोदी ने केन्द्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह को भेजा था।

दक्षिणी सूडान में भिड़े विद्रोही-सरकार, संकट मोचन गया भारत

विश्व के सबसे नए देश दक्षिणी सूडान में 2016 में भारी लड़ाई छिड़ी। सरकार और विद्रोहियों के बीच गृह युद्ध की स्थिति आ गई। दक्षिणी सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति ने अपने पुराने साथी पर विद्रोह का आरोप लगाया। पहले ही समस्याओं में फंसे दक्षिणी सूडान में और बुरी स्थिति आ गई। भारत के भी कुछ नागरिक इस समस्या में फंसे। मोदी सरकार ने जुलाई 2016 में यहाँ से अपने नागरिकों को बचाने के इए ‘ऑपरेशन संकट मोचन’ चलाया।

मोदी सरकार ने यहाँ भी केन्द्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह को विदेश मंत्रालय की एक टीम के साथ भेजा। यहाँ चलाए गए सफल ऑपरेशन में भारत ने 155 लोगों को बचाया जिनमें 153 भारतीय और 2 नेपाली नागरिक अपने देश वापस सुरक्षित वापस लौटे। इस ऑपरेशन में भी भारत ने वायु सेना का विमान भेजा था जो कि यहाँ से लोगो को बचा का लाया। इस ऑपरेशन ने यह सिद्ध किया कि किसी भी देश में भारत भूमि से कितनी भी दूर भारतीय अगर संकट में होंगे तो सरकार उनकी सहायता के लिए सामने आएगी।

ऑपरेशन समुद्र सेतु और ऑपरेशन वन्दे भारत: कोरोना महामारी के बीच भारत आए देशवासी

2020 में विश्व भर कोरोना महामारी आई। इसके कारण पूरी दुनिया जहाँ की तहाँ रुक गई। बड़ी संख्या में भारतीय भी विदेशों में फंस गए। कोरोना के समय में भारतीयों को वापस अपने देश लाने के लिए भी सरकार ने कमर कसी। मोदी सरकार ने दुनिया भर से भारतीयों की वापसी के लिए ऑपरेशन समुद्र सेतु और वन्दे भारत मिशन चलाया। नौसेना ने अपने जहाजों जलाश्व, मगर और ऐरावत और शार्दूल को काम पर लगाया। नौसेना इस दौरान अलग अलग देशों से 3992 लोगों को बचा कर सुरक्षित वापस लाई।

जहाँ कोरोना के दौरान पूरी दुनिया में उड़ाने बंद हो गई थी, वहीं मोदी सरकार ने इस दौरान वन्दे भारत मिशन चालू करके अपने नागरिकों को 100 से अधिक देशों से निकाला। मार्च 2022 में संसद में दिए गए एक जवाब में विदेश मंत्रालय ने बताया कि उसने 2.97 करोड़ लोगों को उसने सहायता पहुँचाई। इस दौरान चीन, अमेरिका, रूस समेत तमाम देशों से भारतीय वापस आए।

अफगानिस्तान में आया तालिबान, ऑपरेशन देवी शक्ति से वापस आए भारतीय

15 अगस्त 2021 जब भारत अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा था तब पड़ोसी देश अफगानिस्तान में उथल पुथल मची हुई थी। आतंकी संगठन तालिबान काबुल के दरवाजे पर खड़ा था। अफगानिस्तान की सरकार गिर चुकी थी। काबुल का पतन हो गया था। अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति लगभग 4 दशकों से खराब है लेकिन अमेरिका के यहाँ रहते हुए थोड़ी सी स्थिरता आई थी। हालाँकि, तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद सब बदलने वाला था। कब्जे के बाद भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ गईं।

मोदी सरकार ने यहाँ से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ चलाया और 500 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित निकाला। मोदी सरकार ने बड़ी सँख्या में अफगानी नागरिकों को भी निकाला जिनमें सिख भी थे। वह भी तस्वीरें सामने आई जिसमें सिख गुरुग्रंथ साहिब को सर पर लेकर भारत आए। भारत ने अफगानियों को शरण भी दी।

यूक्रेन युद्ध के बीच पहुँचा भारत, ऑपरेशन गंगा से वापस

फरवरी 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ गया। रूस ने यूक्रेन बड़े इलाके पर बमबारी चालू की। इस कारण यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय फंसे। इन भारतीयों में सबसे बड़ी संख्या यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों की थी। युद्ध चालू होने के समय 20,000 से अधिक भारतीय यूक्रेन में मौजूद थे। इनको निकालने के लिए भारत सरकार पर भी दबाव था। भारत ने यूक्रेन से छात्रों को निकालने के लिए अपनी कूटनीतिक ताकत का इस्तेमाल किया।

मोदी सरकार ने रूस और यूक्रेन से बातचीत करके अपने नागरिकों के लिए सेफ कॉरिडोर बनाया। मोदी सरकार ने इस दौरान ऑपरेशन गंगा के अंतर्गत 90 से अधिक फ्लाइट के जरिए 18,282 भारतीय नागरिक वापस लाए गए। भारत सरकार के मंत्री भी इस पूरे मिशन में लगे रहे। भारत ने कई नेपाली नागरिकों को भी यूक्रेन से निकाला।

ऑपरेशन कावेरी और ऑपरेशन अजय

भारत लगातार अपने नागरिकों को दुनिया के अलग अलग कोने से बचाता रहा है। मोदी सरकार ने वर्ष 2023 में अफ्रीका के सूडान और इजरायल से अपने नागरिकों को निकाला। अप्रैल 2023 में सूडान में सेना के दो धडों के बीच भीषण जंग चालू हो गई थी। यह अब भी जारी है। सूडान में 3500 से अधिक भारतीय फंसे हुए थे। इनमे बड़ी सँख्या कर्नाटक से गए हुए लोगों की थी। भारत ने इन्हें बचाने के लिए ऑपरेशन कावेरी चलाया। ऑपरेशन कावेरी के अंतर्गत भारत ने सूडान से 3961 भारतीयों और 136 विदेशी नागरिकों को निकाला।

इस ऑपरेशन में भारतीय वायु सेना ने एक जगह पर रात में काफी खतरा उठा कर भारतीयों को बचाया। अक्टूबर, 2023 में जब इस्लामी आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर हमला बोला तो यहाँ से मांग आई कि भारतीयों को बचाया जाए। इजरायल के खतरनाक हालात को देखते हुए मोदी सरकार ने ऑपरेशन अजय चालू किया। भारत ने इजरायल से 1300 से अधिक नागरिक सुरक्षित रूप से निकाल लिए।

बीते कुछ वर्षों में भारत के नागरिकों में अपनी सरकार पर यह विश्वास आया है कि वह विश्व के किसी भी कोने में हों, उनके पीछे सरकार खड़ी है। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक बार कहा था कि यदि कोई भारतीय नागरिक चाँद पर भी फंसा होगा तो भारतीय दूतावास उसकी सहायता करेगा। भारत आज उन्हीं शब्दों को चरितार्थ कर रहा है।

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