जब इंदिरा गाँधी की बहू की मैगजीन में छपी सेक्स स्कैंडल की फोटो: सास-बहू की वो साजिश जिसके शिकार बने दलित जगजीवन राम

जब इंदिरा गाँधी की बहू की मैगजीन में छपी सेक्स स्कैंडल की फोटो...

स्वतंत्रता सेनानी और दिग्गज नेता बाबू जगजीवन राम का आज 115वाँ जन्मदिन है। जगजीवन राम, जिन्हें अक्सर बाबूजी भी कहा जाता है, एक दलित प्रतीक थे जिन्होंने वंचितों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।

जगजीवन राम का राजनीतिक जीवन का कार्यकाल लगभग 50 वर्षों का रहा। उन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान रक्षा मंत्री के रूप में भी कार्य किया। बाबू जगजीवन राम 1977 से 1979 के बीच उपप्रधानमंत्री भी रहे। जगजीवन राम के पहले दलित प्रधानमंत्री बनने की भी अफवाह थी। हालाँकि, एक ऐसी घटना घटी जिसके बाद उनका नाम हटा दिया गया।

यह घटना राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई थी, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के एक 21 वर्षीय छात्रा के साथ आपत्तिजनक स्थिति में जगजीवन राम के बेटे सुरेश राम की अंतरंग तस्वीरें एक पत्रिका में छाई हुई थीं। सूर्या के नाम से जानी जाने वाली पत्रिका ने उनके 46 वर्षीय बेटे सुरेश राम और सुषमा चौधरी नामक एक कॉलेज की छात्रा की नग्न तस्वीरों को दो पेज में जगह दी थी।

जब 1977 के जनता पार्टी के आंदोलन में इंदिरा गाँधी की हार हुई, तो जगजीवन राम को प्रधानमंत्री पद का सबसे मजबूत दावेदार माना जाता था। दुर्भाग्य से, जगजीवन राम को अपने बेटे से जुड़े सेक्स स्कैंडल के कारण प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर होना पड़ा।

हालाँकि, असली त्रासदी एक पत्रिका में प्रकाशित तस्वीरों से कहीं अधिक है। इंदिरा गाँधी की बहू मेनका गाँधी उस पत्रिका की संपादक थीं जिसमें ये तस्वीरें प्रकाशित हुई थीं। यह भारत का पहला सबसे बड़ा राजनीतिक सेक्स स्कैंडल माना जाता है।

कहा जाता है कि बाबू जगजीवन राम के राजनीतिक जीवन के इतने महत्वपूर्ण पड़ाव पर सामने आया उनके बेटे का सेक्स स्कैंडल उनके राजनीतिक करियर को पटरी से उतारने की साजिश से कम नहीं था। जगजीवन राम ने कॉन्ग्रेस के कैबिनेट मंत्री के रूप में अपने 30 साल के कार्यकाल से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कॉन्ग्रेस छोड़ दी थी और जबकि एक सक्षम प्रशासक और अनुभवी राजनेता के रूप में उनकी राजनीतिक हलके में जबरदस्त छाप थी। इसके बाद वह इंदिरा गाँधी की राह से हटते हुए जनता दल-सेक्युलर में शामिल हो गए। लेकिन उनके बेटे के इस सेक्स स्कैंडल ने उनके राजनीतिक करियर को हासिए पर ला खड़ा किया। जिसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ी।

गौरतलब है कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और कॉन्ग्रेस की वरिष्ठ नेता मीरा कुमार बाबू जगजीवन राम की बेटी हैं। वह पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष थीं, जिन्होंने 2009 से 2014 तक देश की सेवा की। उन्हें 2017 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का उम्मीदवार भी बनाया गया, लेकिन वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार राम नाथ कोविंद से हार गईं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया