‘बाहर से कोई इमाम आता है तो तुरंत पुलिस को बताएँ’: ग्रामीणों से असम CM की अपील, रजिस्ट्रेशन बिना मदरसों में नहीं आ पाएँगे बाहरी मुल्ला-मौलवी

इस्लामी आतंकियों के प्रति असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने जनता को किया आगाह (फाइल फोटो)

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि अब राज्य के मदरसों में बाहर से आने वाले इमामों और अन्य लोगों को पहले अपना पंजीकरण कराना होगा। असम में हाल ही में दो आतंकवादी गिरफ्तार किए गए हैं, जो दो अलग-अलग मस्जिद के इमाम के रूप में अलकायदा के लिए काम कर रहे थे। इसीलिए, राज्य की भाजपा सरकार ने इससे सबक लेते हुए मदरसों के लिए एक ‘स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर’ तय करने का निर्णय लिया है।

असम के मुख्यमंत्री ने सोमवार (22 अगस्त, 2022) को बताया कि इसके लिए एक पोर्टल होगा, जिस पर मदरसों में बाहर से आने वाले इमामों और अन्य लोगों को रजिस्टर करना पड़ेगा। उन्होंने ये जानकारी भी दी कि राज्य के मुस्लिम नागरिकों से इसे लागू करने के लिए मदद ली जा रही है। हालाँकि, जो पहले से ही असम के नागरिक हैं, उन्हें इस SoP के तहत अपना नाम रजिस्टर कराने की कोई आवश्यकता नहीं है। ये राज्य के बाहर के लोगों के लिए है।

साथ ही उन्होंने गाँव वालों से भी कहा है कि अगर इलाके में कोई ऐसा इमाम आता है जिसे वो लोग नहीं जानते हैं, तो ग्रमीणों को तुरंत इसकी सूचना नजदीकी पुलिस थाने में देनी चाहिए। इसके बाद पुलिस अज्ञात इमाम की पुष्टि करेगी, तत्पश्चात ही उन्हें वहाँ रुकने की अनुमति दी जाएगी। सीएम सरमा ने कहा कि असम के मुस्लिम समुदाय से राज्य सरकार को इस प्रक्रिया को लागू करने में मदद मिल रही है। कुछ ही महीनों पहले असम में 800 मदरसों को नियमित विद्यालयों में बदल दिया गया था।

अप्रैल में असम में अलकायदा के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 16 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं जुलाई में भी एक टेरर मॉड्यूल के खुलासे के बाद 12 आतंकी दबोचे गए थे। वहाँ मस्जिदों-मदरसों में आतंकवादी गतिविधियों की खबरें आती रहती हैं। मोरीगाँव के एक मदरसे में आतंकी गतिविधि में शामिल 8 मौलवी धराए थे। हाल ही में दो ऐसे इमाम को गिरफ्तार किया गया, जो मस्जिद की आड़ में अलकायदा के लिए भर्ती कर रहे थे और आतंकी स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया