मतदाताओं को बरगलाने के लिए चिदंबरम पिता-पुत्र शिवगंगा में किराने की दुकानों में छिपा रहे हैं कालाधन: IT अधिकारी

आयकर अधिकारी का चिदंबरम परिवार पर काले धन, चुनावी धोखाधड़ी का आरोप

वरिष्ठ आयकर अधिकारी एसके श्रीवास्तव ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम और उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम पर शिवगंगा के लोकसभा चुनाव में काले धन के उपयोग का आरोप लगाया है।

चुनाव अधिकारी की मिलीभगत का भी आरोप

खबरिया पोर्टल PGurus में छपी खबर के मुताबिक श्रीवास्तव के दो पन्नों के पत्र में कार्ति चिदम्बरम द्वारा कथित तौर पर छिपाई गई करोड़ों की संपत्ति और शिवगंगा लोकसभा क्षेत्र में उसके लोकसभा चुनावों के पूर्व दुरुपयोग का विस्तृत ब्यौरा दिया गया है। श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि चिदंबरम पिता-पुत्र शिवगंगा की कई किराने की दुकानों में पैसे छिपा रहे हैं ताकि उन दुकानों से मुफ्त का सामान बाँट कर मतदाताओं को रिझाया जा सके।

श्रीवास्तव ने स्थानीय चुनाव अधिकारियों पर भी चिदंबरम पिता-पुत्र से मिलीभगत करने का आरोप लगाया। उनके मुताबिक कई शिकायतें दर्ज होने के बावजूद चिदंबरम पिता-पुत्र के खिलाफ़ कदम उठाने से बचा जा रहा है।

केन्द्रीय चुनाव आयोग को लिखे गए श्रीवास्तव के पत्र के अनुसार विशेष खर्च पर्यवेक्षकों के दौरे के दौरान उन्होंने यह पाया कि 67 शारीरिक रूप से उपस्थित शिकायतकर्ताओं ने चिदंबरम पर कला धन मलीगाई स्टोर (किराने की दुकानों) पर छिपाने का आरोप लगाया था। जिला चुनाव पर्यवेक्षक और रिटर्निंग अफ़सर ने आँखों में धूल झोंकने वाली खोखली जाँच कर के यह कह दिया कि कनिष्ठ अधिकारियों को जाकर देखने पर ऐसा कोई मामला नहीं दिखा था। जिला चुनाव पर्यवेक्षक और रिटर्निंग अफ़सर की हिम्मत इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि उन्होंने विशेष खर्च पर्यवेक्षकों से कह दिया कि वे शिकायतकर्ताओं की शिकायतों की जाँच करना, उनसे सबूत माँगना आदि जरूरी नहीं समझते।

श्रीवास्तव ने चुनाव आयोग से यह भी कहा कि उनके पास अपने आरोप सिद्ध करने के लिए सबूत भी हैं। उनके अनुसार जिला स्तर के चुनाव अधिकारियों के पास ‘पी चिदंबरम जैसे आदतन अपराधी’ (“hardened criminal like P Chidambaram”, श्रीवास्तव के पत्र में लिखे गए शब्द) के आर्थिक अपराधों की जाँच के लिए न जरूरी प्रशिक्षण होता है न सहायता-प्रणाली। अतः जिला चुनाव पर्यवेक्षक और रिटर्निंग अफ़सर के रूप में कार्यरत अधिकारी को कम-से-कम स्थानीय आयकर विभाग को सूचित कर देना चाहिए था। उनके ऐसा न करने से ही उनकी नीयत पता चल जाती है- एक ओर उन्होंने आयकर विभाग को शिकायतों की इत्तला नहीं की, और दूसरी ओर विशेष खर्च पर्यवेक्षकों से कह दिया कि शिकायतों में कोई सत्यता नहीं है। श्रीवास्तव के पत्र अनुसार जिला चुनाव पर्यवेक्षक और रिटर्निंग अफ़सर के रूप में नियुक्त अफ़सर के नाटक का पर्दाफ़ाश करने के लिए यह पर्याप्त है।

क्या कार्ति ने भरा झूठा हलफ़नामा?

श्रीवास्तव ने कार्ति चिदंबरम पर चुनावी धोखाधड़ी का भी आरोप लगाया और कहा कि उनका शपथपत्र झूठा है। उन्होंने वह संपत्ति तो घोषित ही नहीं की है जो आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारकर सामने लाई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया