पश्चिम बंगाल के जाधवपुर यूनिवर्सिटी में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को नक्सल समर्थक छात्रों ने करीब 6 घंटे तक बंधक बनाए रखा। सुप्रियो के कहने के बावजूद वाइस चांसलर ने कैंपस में पुलिस बुलाने से इनकार किया। जब राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार को घटना के बारे में बताया और आवश्यक कदम उठाने को कहा तो वह भी हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। इसके जवाब में एबीवीपी और दुर्गा वाहिनी के कुछ कार्यकर्ताओं ने एसएफआई के कार्यालय में घुसकर तोड़फोड़ की।
आखिर में राज्यपाल को खुद यूनिवर्सिटी पहुॅंचना पड़ा और बाबुल सुप्रियो को सुरक्षित निकाल कर बाहर लाना पड़ा। इस दौरान करीब एक घंटे तक ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के छात्रों ने राज्यपाल को भी करीब एक घंटे तक घेरकर रखा।
उपद्रवी छात्रों ने बाबुल सुप्रियो पर गुरुवार को हमला किया था। बकौल सुप्रियो, छात्रों ने उनके बाल खींचे और लात-घूँसे भी चलाए। उनपर बोतल भी फेंकी गई और चश्मे को भी नक्सल समर्थकों ने तोड़ दिया। जब यह सब सुप्रियो के साथ हो रहा था तो फैशन डिजाइनर और बीजेपी नेता अग्निमित्रा पॉल भी उनके साथ थीं। बताया जा रहा है कि उपद्रवी छात्रों ने अग्निमित्रा की गाड़ी को भी रोका और उनकी साड़ी खींची।। सुप्रियो एबीवीपी के एक सेमिनार को संबोधित करने यूनिवर्सिटी पहुॅंचे थे।
https://twitter.com/ashokepandit/status/1174899764812382208?ref_src=twsrc%5Etfwइतना सब कुछ होने के बावजूद हरकत में नहीं आने को लेकर ममता सरकार की आलोचना हो रही है। हालॉंकि सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा है कि राज्यपाल ने सरकार को सूचना नहीं दी और न ही यूनिवर्सिटी जाने की जानकारी दी। राज्यपाल धनखड़ ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा है कि सरकार की विफलता छिपाने के लिए झूठ बोला जा रहा है।
https://twitter.com/ANI/status/1174961962897141761?ref_src=twsrc%5Etfwहालॉंकि प्रशासन के हरकत में नहीं आने के बाद एबीवीपी और दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने नक्सल समर्थकों को उनके ही तरीके से जवाब देने की कोशिश की। बताया जाता है कि जब वामपंथी छात्र संगठनों के लोगों ने सुप्रियो को घेर रखा था उस समय एबीवीपी और दुर्गावाहिनी के कुछ कार्यकर्ताओं ने एसएफआई के छात्र संघ कार्यालय में घुसकर तोड़फोड़ की।
https://twitter.com/aajtak/status/1174918576152563713?ref_src=twsrc%5Etfw(नोट: ऑप इंडिया किसी भी तरह के हिंसक गतिविधि का समर्थन नहीं करती।)