जिन्हें नहीं मिला दिल्ली में आसरा, उनके रहने-खाने के लिए योगी सरकार द्वारा यमुना एक्सप्रेस वे टाउनशिप का अधिग्रहण

प्रवासी लोगों के लिए एक्स्प्रेस वे का अधिग्रहण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस के कारण घोषित लॉकडाउन के दौरान जिस नेतृत्व का उदाहरण दिया है, वह आने वाले समय के लिए और समकालीन नेताओं के लिए उदाहरण बनने जा रहा है। आज ही योगी सरकार ने जेपी स्पोर्ट्स सिटी यमुना एक्सप्रेस वे टाउनशीप का अधिग्रहण करते हुए फैसला लिया है कि इसे प्रवासियों के शेल्टर होम के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही रहने-खाने और चिकित्सकीय सुविधाओं का भी इंतजाम किया जाएगा। इस विकराल समस्या को देखते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे को टोल फ्री कर दिया गया है।

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योगी सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब दिल्ली में रहने वाले उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड के लोग बड़ी संख्या में अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं। कुछ लोगों ने अपने घर पहुँचने के बाद यह भी खुलासा किया कि किस प्रकार से 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद दिल्ली में उनके घरों में बिजली-पानी की सप्लाई बंद कर दी गई। इसके बाद केजरीवाल सरकार को लगातार घेरा जा रहा है।

दरअसल, दिल्ली में डीटीसी बसों में बिठा कर भारी संख्या में लोगों को यह कहकर बॉर्डर पर छोड़ दिया गया कि वहाँ से उन्हें घर ले जाने के प्रबंध किए गए हैं जबकि ऐसा कुछ भी प्रबंध दिल्ली सरकार द्वारा नहीं किया गया था। इसका नतीजा यह हुआ कि लॉकडाउन के बावजूद बड़ा जनसैलाब दिल्ली के आनंद विहार में इकट्ठा हो गया, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैसला लिया कि बॉर्डर इलाकों में एक लाख प्रवासी लोगों के रहने की व्यवस्था की जाएगी।

कोरोना वायरस को लेकर देशभर में घोषित लॉकडाउन में कामगारों और मजदूरों के सामने बेरोजगारी की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इन मजदूरों के लिए एक के बाद एक बड़े और त्वरित फैसले ले रही है।

एक अन्य आदेश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि प्रदेश भर में अब कोई भी मकान मालिक किसी भी कामगार या मजदूर से किराया (लॉकडाउन की अवधि तक किराए की माँग नहीं करनी है) नहीं लेगा। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने इस बात की जानकारी दी है।

वहीं, लॉकडाउन के दौरान यमुना एक्सप्रेसवे को टोल फ्री कर दिया गया है। यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों का कहना है कि यमुना एक्सप्रेसवे के टोल फ्री रहने से आवश्यक वस्तुएँ और आपातकालीन सुविधा मिलने में आसानी होगी। फल, सब्जी, दूध और अन्य खाद्य सामग्री की ढुलाई करने वाले वाहनों से टोल नहीं वसूले जाने पर जरूरी चीजों की कीमतों को नियंत्रित करने में आसानी होगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया