कैंसर और कोरोना से मर जाए: अमित शाह​ की मौत की कामना कर रहीं महिला पत्रकार विजयलक्ष्मी और लेखा

अमित शाह की मौत की कामना करने वालीं विजयलक्ष्मी नादर (बाएँ) और लेखा मेनन

आम आदमी पार्टी की समर्थक और एनआरआई पत्रकार विजयलक्ष्मी नादर ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मृत्यु की कामना फेसबुक में की है। इस पोस्ट के बाद एक अन्य ‘पत्रकार’ लेखा मेनन ने भी गृहमंत्री को कैंसर या फिर कोरोना से मरता देखने की इच्छा जाहिर की।

लेखा की फेसबुक प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया, डीएनए, मुंबई मिरर समेत कई नामी मीडिया संस्थानों में काम किया है। मगर, फिलहाल वे दुबई के पब्लिकेशन आईटीपी मीडिया ग्रुप की मसाला मैग्जीन में बतौर संपादक कार्यरत हैं। इतनी उपलब्धियों के बावजूद उनकी मानसिकता उनके भीतर की कुँठा को दर्शाती है।

फेकबुक पर इस समय एक पोस्ट वायरल हो रहा है। फेसबुक पोस्ट में लेखा मेनन ने मोहम्मद अफरोज नाम के यूजर से रिप्लाई सेक्शन में बात की है। इसका स्क्रीनशॉट प्रिया कुलकर्णी नाम की ट्विटर यूजर ने शेयर किया है।

प्रिया के ट्वीट में शेयर इन स्क्रीनशॉट्स में हम देख सकते हैं कि अमित शाह की मृत्यु देखने के लिए लेखा कितनी उतावली हैं। वे लिखती हैं, “और बीमारी क्या है? कोविड, कैंसर या दोनों? अगर ये तड़ीपार है, तो उम्मीद है दोनों।”

https://twitter.com/priyaakulkarni2/status/1258625308120371200?ref_src=twsrc%5Etfw

हालाँकि, लेखा के इस कमेंट के बाद अफरोज नामक फेसबुक यूजर अपनी और लेखा की बातों में बैलेंस बिठाते हुए कहता है कि वह ऐसी कामना किसी के लिए नहीं कर सकता। लेकिन कुछ लोग इसे कमाते हैं। लेखा आगे रिप्लाई देती हैं और कहती हैं, “सेम हेयर। जब बात कुछ निश्चित लोगों की आती है तो मैं भी गाँधीजी के दूसरे गाल आगे करने वाले सिद्धांत पे यकीन नहीं करती।”

बता दें, सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया देखने के बाद लेखा मेनन ने अपने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया है। लेकिन विजयलक्ष्मी नादर के पोस्ट के कमेंट किए गए उनके रिप्लाई सोशल मीडिया पर घूम रहे हैं। 

बता दें, कल सोशल मीडिया पर विजयलक्ष्मी नादर का एक पोस्ट वायरल हुआ था। पोस्ट में वे भारत के गृह मंत्री अमित शाह की मौत की कामना करती नजर आई थीं। फेसबुक पोस्ट में नादर ने लिखा कि ऐसा लगता है कि कुछ महीने पहले हुई लिपोमा सर्जरी अब पूरे कैंसर में बदल गई है।

इसके अलावा अपने पोस्ट में उन्होंने यह भी दावा किया कि ज्योतिषियों के अनुसार, अमित शाह की बीमार अवस्था अक्टूबर तक रहेगी। इसके बाद उम्मीद है ये ‘अंतिम तौर से खत्म’ हो जाएगी। 

गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं है कि पत्रकार समूह के लोगों ने देश के गृहमंत्री के लिए ऐसी मंशा व्यक्त की हो। नादर और लेखा से पहले भी कश्मीर में टाइम्स के साथ काम करने वाली एक पत्रकार सामिया लतीफ ने कोरोना महामारी के बीच में इच्छा जताई थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह कोरोना से संक्रमित हो जाएँ।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया