पश्चिम बंगाल में पिछले चार दिनों से अस्पतालों में ताला लटका हुआ है। डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। राज्य में जूनियर डॉक्टर पर हमले के बाद सभी जूनियर डॉक्टर मंगलवार (जून 11, 2019) से आंदोलन कर रहे हैं। डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री की अल्टीमेटम को खारिज करने और अपनी माँग पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने का भी फैसला किया है। ममता सरकार ने डॉक्टरों की माँग पर अब तक फैसला नहीं किया है।
इस हमले के बाद, देश भर के लाखों डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में अपने प्रदर्शनकारी सहयोगियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए एक दिन के लिए अपने काम को बहिष्कार करने का फैसला किया है। इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने इस घटना के खिलाफ शुक्रवार को “ऑल इंडिया प्रोटेस्ट डे” घोषित किया है और हड़ताली डॉक्टरों के साथ एकजुटता व्यक्त की है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले पर असंवेदनशीलता जाहिर करते हुए डॉक्टरों को चार घंटे का अल्टीमेटम दिया था। जिसमें डॉक्टरों को 4 घंटे के भीतर काम पर लौटने के लिए और ऐसा न करने पर कार्रवाई का सामना करने की बात कही थी। कथित तौर पर, टीएमसी के समर्थक भी इस घटना से नाखुश हैं और ममता बनर्जी के खिलाफ डॉक्टरों के साथ मिलकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
हैरानी की बात तो ये है कि ममता बनर्जी डॉक्टरों को धमकी दे रही हैं और उनके भतीजे आबेष बनर्जी डॉक्टरों के समर्थन में प्रदर्शन उतर आए हैं। आबेश बनर्जी, ममता के भाई कार्तिक बनर्जी के बेटे हैं, केपीसी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं। आबेश ने बुधवार को केपीसी अस्पताल से एनआरएस अस्पताल तक विरोध रैली का नेतृत्व किया।
पश्चिम बंगाल में मंत्री फिरहाद हकीम की बेटी शब्बा हकीम ने भी डॉक्टरों के प्रदर्शन का समर्थन किया है। शब्बा हकीम खुद भी डॉक्टर हैं और उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करना अधिकार है। साथ ही शब्बा ने ये भी कहा कि टीएमसी समर्थक होने के रुप में ममता सरकार की निष्क्रियता और नेताओं की चुप्पी पर शर्म आती है।
इस आंदोलन की आग दिल्ली तक पहुँच गई है। एम्स के डॉक्टर भी अब बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में आ गए हैं। वहीं, कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के चार प्रोफेसरों ने इस्तीफा दे दिया तो सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज के 18 डॉक्टरों ने भी इस्तीफा दे दिया और जिस एनआरएस मेडिकल कॉलेज में हंगामा हुआ उसके प्रिंसिपल ने भी इस्तीफा सौंप दिया है। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से मुलाकात की।
जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर कुणाल साहा ने डॉक्टरों की हड़ताल के खिलाफ कोलकाता हाईकोर्ट में गुरुवार (जून 13, 2019) को याचिका दायर की है। दायर की गई याचिका में हड़ताली डॉक्टरों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपील की गई है। कोलकाता हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की डिवीजन बेंच में इसकी सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि, कोलकाता स्थित नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सोमवार (10 जून) को एक बुजुर्ग मरीज मोहम्मद शाहिद की मौत के बाद उसके परिजनों ने डॉक्टर परिबाह मुखोपाध्याय पर घातक हमला किया। डॉक्टर्स के मुताबिक, करीब 200 की भीड़ ने मोहम्मद शाहिद की मौत के बाद अस्पताल में जमकर उत्पात मचाया। इस घटना के बाद राज्य के विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टर न्याय की माँग करते हुए हड़ताल पर चले गए।