देशद्रोही पत्रकार, सुपारीबाज कलाकार का समर्थन करना भी ‘हरामखोरी’: शिवसेना के मुखपत्र सामना में कंगना-अर्नब पर निशाना

शिवसेना के मुखपत्र सामना में कंगना-अर्नब पर निशाना

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत और मुंबई अस्मिता का मामला उठाते हुए शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ में अभिनेत्री कंगना रनौत और रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी पर निशाना साधा है।

बिना नाम लिए अर्नब और कंगना पर निशाना

सामना में फिर एक बार आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करते हुए शिवसेना ने लिखा है कि राजनीतिक एजेंडे को सामने लाने के लिए देशद्रोही पत्रकार और सुपारीबाज कलाकारों के राजद्रोह का समर्थन करना भी ‘हरामखोरी’ ही है। इससे पहले दोनों के खिलाफ दो विधायक एक दिन पहले विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी लाए थे।

‘मुंबई का अपमान बिगड़ी मानसिकता के लक्षण’

कंगना के मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर से करने वाले बयान पर सामना में लिखा है कि मुंबई किसकी? यह सवाल कोई न पूछे। मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी और देश का सबसे बड़ा आर्थिक लेन-देन का केंद्र भी है। इसी मुंबई के लिए 106 मराठी लोगों ने बलिदान दिया है। मुंबई ईमान से रहने वाले सब लोगों की है। मुंबई की तुलना ‘पाक अधिकृत’ कश्मीर से करना और मुंबई पुलिस को माफिया बोलकर खाकी वर्दी का अपमान करना बिगड़ी हुई मानसिकता के लक्षण हैं।

बेईमानों के साथ खड़े लोगों को लगेगी बद्दुआ

संपादकीय में यह भी लिखा गया कि जो लोग महाराष्ट्र के बेईमानों के साथ खड़े हैं, उन्हें 106 शहीदों की बद्दुआ तो लगेगी ही। साथ ही, राज्य की 11 करोड़ जनता भी उन्हें माफ नहीं करेगी। छत्रपति शिवाजी के महाराष्ट्र पर नशे की पिचकारी फेंकने वाले को केंद्र सरकार विशेष सुरक्षा का सम्मान दे रही है।

कंगना को वाई श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने पर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र की 11 करोड़ मराठी जनता और मुंबई का अपमान देशद्रोह जैसा अपराध है। लेकिन जब ऐसा अपराध करने वाले लोगों के साथ राष्ट्रभक्त मोदी सरकार का गृह मंत्रालय सुरक्षा कवच देकर खड़ा होता है, तब हमारे 106 शहीद स्वर्ग में आँसू बहा रहे होंगे।

पीओके से तुलना कर हमारी देवी का अपमान

इसमें आगे कहा गया है कि मुंबई पर अपना हक जताने वाले बहुत सारे लोग आगे आए हैं। लेकिन मुंबई मुंबा देवी का ही प्रसाद है। मुंबई या मुंबा देवी कोली लोगों की कुलदेवी हैं। ‘मुंग’ नामक एक कोली ने इस देवी की स्थापना की इसलिए उसका नाम पहले ‘मुंगाची आई’ पड़ा और ‘महा-अंबाआई’ और फिर उसके बाद ‘मुंबाई’ का आसान नाम देवी को मिला, ऐसा कई लोगों को लगता है। कोई कहता है कि मुंबई ‘मृण्मयी’ का ही रूप है। ऐसी ‘देवी’ स्वरूप माँ की तुलना पाक अधिकृत क्षेत्र से करके हमारी देवी का अपमान किया गया।

कंगना के बहाने चीन पर केंद्र को घेरा

कंगना विवाद के बहाने शिवसेना ने चीन से जारी सीमा विवाद को लेकर भी मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है। सामना ने लिखा, “आज जिस प्रकार से सारे भाजपा वाले महाराष्ट्र द्रोहियों के साथ खड़े हैं, उसी विश्वास से हमारी सीमा में घुसे चीनी बंदरों के बारे में हिम्मत दिखाई होती तो लद्दाख और अरुणाचल की सीमा पर देश की बेइज्जती ना होती।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया