माइक लेकर ‘जिहाद’ करने निकला था पत्रकार, कपिल मिश्रा ने दिया करारा जवाब: कहा- वो बम फोड़ेंगे और तुम हिंदुओं को डिक्शनरी से जिहाद समझाओगे

पत्रकार प्रियांक वाजपेयी सलाह देने लगे कि कपिल मिश्रा और भाजपा को लोगों को 'जिहाद' का मतलब समझाना चाहिए, मिला करारा जवाब (फोटो साभार: इंडिया डेली लाइव)

दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने ‘इंडिया डेली लाइव’ के पत्रकार प्रियांक वाजपेयी को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने ‘जिहाद’ का मतलब समझाया। इस दौरान पत्रकार ने उन्हें उलझाने की कोशिश भी की, लेकिन कपिल मिश्रा ने अपने अंदाज़ में बेबाकी से कुतर्क का जवाब तर्क से दिया। कपिल मिश्रा ने इस दौरान ये स्पष्ट कहा कि जिसने औरंगज़ेब को अपना बाप मान लिया है उसे निशाना बनाना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि आप धर्म बदल सकते हो, लेकिन पूर्वज तो वही रहेंगे।

याद दिलाते चलें कि फर्रुखाबाद में समाजवादी पार्टी की जिलाध्यक्ष मारिया आलम खाँ ने ‘वोट जिहाद’ की अपील की थी। वो पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की भतीजी हैं। उन्होंने कहा था कि ‘संघी सरकार’ को हटाने के लिए ये ज़रूरी है। कायमगंज में I.N.D.I. गठबंधन के प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार करते समय उन्होंने ऐसा कहा था। उन पर FIR भी दर्ज की गई थी। हालाँकि, सलमान खुर्शीद ने अपनी भतीजी के बयान से बाद में किनारा कर लिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बयान को लेकर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। गुजरात के सुरेंद्र नगर में पीएम मोदी ने कहा कि अब तक ‘लव जिहाद’ और ‘लैंड जिहाद’ के बारे में सुना था, लेकिन अब मुस्लिमों से ‘वोट जिहाद’ की अपील की जा रही है। पीएम मोदी ने याद दिलाया कि कॉन्ग्रेस के किसी भी नेता ने इस बयान का विरोध नहीं किया। इसके बाद झारखंड में भी उन्होंने ‘वोट जिहाद’ वाली विपक्ष की अपील पर करारा प्रहार किया।

कपिल मिश्रा ने इंटरव्यू में कहा – जिहाद का सीधा अर्थ होता है काफिर को मारने और उसे मुस्लिम बनाना। कपिल मिश्रा ने पूछा कि अजमल कसाब क्या करने आया था, संसद भवन पर हमला करने वाले क्या करने आए थे? इस पर IDL के सीनियर मल्टीमीडिया प्रोड्यूसर प्रियांक वाजपेयी उन्हें समझाने लगे कि जिहाद का तो मतलब होता है खुद पर नियंत्रण रखना। इस पर कपिल मिश्रा ने सवाल दागा कि क्या अजमल कसाब खुद पर नियंत्रण रखने आया था?

उन्होंने कहा कि इससे बड़ी बदतमीजी और झूठ कुछ नहीं हो सकता है। पत्रकार आरोप लगाने लगा कि जिहाद शब्द का गलत अर्थ लगाया गया और कसाब को इसका सही अर्थ नहीं पता था, इस पर कपिल मिश्रा ने कहा कि तुम जाकर आतंकियों को समझा दो जिहाद का मतलब, रावलपिंडी, लाहौर और कराची में जाकर बताओ। कपिल मिश्रा ने पूछा कि आतंकी बम फोड़ेंगे और आप हिन्दुओं के बीच में बैठ कर जिहाद का मतलब समझाओगे? प्रियांक वाजपेयी फिर कहने लगे कि आप जनप्रतिनिधि हैं, आपको इसका सही मतलब बताना चाहिए।

इस पर पूर्व विधायक कपिल मिश्रा ने कहा कि पूरी दुनिया ने 9/11 से लेकर संसद भवन पर हमले तक ‘जिहाद’ का मतलब पता है। उन्होंने कहा कि जिहाद के नाम पर राम मंदिर को गिराया गया था, भारत के 2 टुकड़े हुए और काशी के संकटमोचन मंदिर में बम ब्लास्ट हुआ, दिल्ली के कनॉट प्लेस और लाजपत नगर में धमाके हुए। कपिल मिश्रा ने कहा कि जो काम जिहादी बन कर कसाब बंदूक से करने आया था, ‘वोट जिहाद’ का नारा लगाने वाले वही काम वोट से करना चाहते हैं।

कपिल मिश्रा ने कहा, “ये भारत है। यहाँ जिहाद जब-जब आया है, हार कर गया है। हमने राम मंदिर को भी दोबारा खड़ा कर लिया। आप डिक्शनरी से लेकर इसका अर्थ इधर-उधर घुमाने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन इसका मतलब सबको पता है। इसके नाम पर क्या सिखाया जाता है। ‘वोट जिहाद’ का मतलब ये थोड़े था कि स्कूल-अस्पताल बनाएँगे, उनका आशय था कि सारे मुस्लिम एक होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वोट करें।”

फिर ‘इंडिया डेली लाइव’ के प्रियांक वाजपेयी सलाह देने लगे कि भाजपा खुद को ‘सर्वधर्म समभाव’ वाली पार्टी कहती है तो उसे जिहाद का असली अर्थ समझाते हुए आगे बढ़ना चाहिए, राष्ट्रवादी मौलानाओं का पक्ष भी यही है। इस पर कपिल मिश्रा ने चुनौती दी कि वो दारुल उलूम देवबंद से जिहाद के खिलाफ फतवा निकलवा दे। उन्होंने कहा कि भाजपा थोड़े बताएगी इसका मतलब, मौलवियों या मस्जिदों ने बम धमाके और हमले के आतंकियों के खिलाफ फतवा निकाला क्या?

कपिल मिश्रा ने कहा कि देवबंद को फतवा निकालना चाहिए कि आतंकियों को मरने के बाद ’72 हूरें’ नहीं मिलेंगी, बल्कि वो सब जहन्नुम में जाएँगे। इसके बाद भी प्रियांक वाजपेयी कहते रहे कि ये कपिल मिश्रा वाली परिभाषा है। करावल नगर से BJP के विधानसभा प्रत्याशी रहे कपिल मिश्रा ने कहा कि ये उनकी परिभाषा नहीं है, ये सत्य है। उन्होंने कहा कि विश्व का इतिहास ये कह रहा है कि जिहाद मतलब आतंक। उन्होंने पूछा कि वो डिक्शनरी में अर्थ खोजें या उनके सामने जो तलवार लेकर खड़ा है उसे देखें?

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया