‘मुस्लिम आरक्षण बढ़ाओगे तो कम किसका करोगे?’ : अमित शाह का कॉन्ग्रेस से सवाल, बोले- PM मोदी के खिलाफ बोलकर इन्होंने हमेशा मुँह की खाई

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो, साभार: HT)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि कॉन्ग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति के चलते मुस्लिमों को 4% आरक्षण दिया था। यह असंवैधानिक था। इसलिए भाजपा ने इसे हटा दिया। कॉन्ग्रेस द्वारा मुस्लिमों का आरक्षण बढ़ाने की बात करने को लेकर अमित शाह ने कहा है कि कॉन्ग्रेस को यह बताना चाहिए कि वह मुस्लिम आरक्षण बढ़ाकर 6% करेगी तो कम किसका होगा।

दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने एएनआई को एक इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर कहा है कि कॉन्ग्रेस ने जब भी पीएम मोदी के खिलाफ विषैली भाषा का उपयोग किया है, तब उन्हें मुँह की खानी पड़ी है। अब कर्नाटक में भी जनता कॉन्ग्रेस को जवाब देगी।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक चर्चित मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा है कि 4% आरक्षण बीजेपी ने खत्म किया है, इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन इसे इसलिए खत्म किया गया क्योंकि यह असंवैधानिक था। देश के संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान नहीं है। कॉन्ग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए वोट बैंक का ध्रुवीकरण करने के लिए मुस्लिमों को आरक्षण दिया था। उन्होंने यह भी कहा है कि कर्नाटक सरकार का यह फैसला पूरी तरह से उचित है।

गृह मंत्री ने आरक्षण को लेकर कहा है कि बीजेपी ने बहुत सोच समझकर सारी चीजें की हैं। इसके लिए मधु स्वामी कमेटी बनी थी। इस कमेटी ने बहुत सारे आँकड़ों को इकट्ठा सरकार को सुझाव दिया था। इस कमेटी के सुझाव के बाद सरकार ने स्टेक होल्डर्स, विधायकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी बात की। अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण के अंदर आरक्षण को लेकर कुछ सीमाएँ तय की गईं हैं। लेकिन कॉन्ग्रेस इसे हटाना चाहती है। पर यह आरक्षण नहीं हटेगा।

कॉन्ग्रेस ने मुस्लिमों के आरक्षण को 4% से बढ़ाकर 6% करने की बात कही है। इस मुद्दे पर बात करते हुए गृह मंत्री ने कहा है बोलने के लिए कुछ भी कहा जा सकता है। अगर कॉन्ग्रेस मुस्लिम आरक्षण 4% से बढ़ाकर 6% करना चाहती है तो उसे यह स्पष्ट करना चाहिए कि कम किसका होगा? ओबीसी का कम करेंगे, एससी, एसटी का कम करेंगे या लिंगायत का कम करेंगे। चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले सिद्धरमैया को यह स्पष्ट कर देना चाहिए।

बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार सोमवार (8 मई 2023) को थम जाएगा। राज्य की सभी 224 सीटों पर 10 मई को मतदान होना है। चुनाव परिणाम 13 मई को सामने आएँगे। अब तक सामने आए अधिकांश एक्जिट पोल में सत्ताधारी बीजेपी कॉन्ग्रेस से कहीं अधिक आगे दिखाई दे रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया