देश के लिए खड़े हुए सचिन तेंदुलकर तो युवा कॉन्ग्रेसियों ने पोती कालिख: कॉमरेड और इस्लामी ट्रोल भी एक्टिव

शारापोवा से माफी, सचिन के खिलाफ सुनियोजित अभियान का हिस्सा?

दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे कथित किसान आंदोलन के नाम पर विदेशी प्रोपेगेंडा को हवा मिलने के बाद भारत की कई नामी हस्तियों ने विदेशी हस्तक्षेप के ख़िलाफ़ होकर देश के साथ एकजुटता दिखाई। बुधवार को इसी लिस्ट में एक नाम क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर का जुड़ा। सचिन ने भी फर्जी प्रोपेगेंडा के ख़िलाफ़ आवाज बुलंद की थी।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता। बाहरी ताकत दर्शक हो सकते हैं, लेकिन भागीदार नहीं। भारतीय नागरिक भारत के बारे में जानते हैं। हम एक राष्ट्र के तौर पर एकजुट रहें।”

अब बाहरी ताकतों के ख़िलाफ़ सचिन के आवाज उठाते ही कुछ लोगों में हलचल मच गई। सोशल मीडिया पर केरल वाले यूजर्स का एक धड़ा तो खुलकर न केवल सचिन का विरोध करने लगा, बल्कि देश के साथ खड़े होने के लिए उनका अपमान भी किया जाने लगा।

केरल के कोच्चि में शुक्रवार (5 फरवरी 2021) को युवा कॉन्ग्रेस के सदस्यों ने विरोध जताते हुए सचिन तेंदुलकर के कट आउट पर कालिख पोत दी। इसके बाद जमकर नारेबाजी की।

https://twitter.com/ANI/status/1357691057970978818?ref_src=twsrc%5Etfw

इस बीच कई यूजर्स ने रूस की टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा से माफी माँगनी शुरू कर दी है, जिसने एक दफा ये कहा था कि वह सचिन तेंदुलकर को नहीं जानती। शारपोवा ने 7 साल पहले एक प्रश्न के जवाब में अपनी बात कही थी, जब उनसे उनके मैच के दौरान सचिन की उपस्थिति पर पूछा गया था। 

इस घटना के बाद वर्चुअल स्पेस पर कई लोगों ने मारिया शारापोवा को उलटा सीधा बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। लोगों ने पूछा था कि आखिर सदी से महान क्रिकेटर को कैसे वह जानने से इनकार कर सकती हैं। दिलचस्प बात यह थी कि ये धड़ा केरल से ही था।

अब यही वजह है कि मात्र सचिन के देश के साथ खड़े भर हो जाने से यही केरल वाले अपनी गलती का पश्चताप कर रहे हैं। तेंदुलकर पर नाराजगी दिखाने के लिए इन्होंने शारापोवा से माफी माँगी है। हैरानी की बात यह है कि भारत के तमाम मीडिया हाउसों ने ऐसी हरकत की निंदा करने की बजाय अप्रत्यक्ष रूप से उनको सराहते हुए अपनी रिपोर्ट पब्लिश की है।

नीचे कुछ रिपोर्ट के शीर्षक उदाहरण के साथ हैं।

द हिंदू

इंडियन एक्सप्रेस

सीएनएन न्यूज 18

क्या शारापोवा को माफी दिलवाने में कॉमरेडों, कॉन्ग्रेस समर्थकों और इस्लामी ट्रोल का हाथ है?

भारत में हो रही घटनाओं के बीच मारिया शारापोवा पर केरल के सोशल मीडिया यूजर्स के ऐसे पोस्ट साफ तौर पर बताते हैं कि ये सब भारत के खेल जगत दिग्गजों  को निशाना बनाने के लिए चलाया जा रहा अभियान है, खासकर सचिन को, क्योंकि उन्होंने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया।

पूरा पैटर्न देखें तो ये सोशल मीडिया यूजर्स ज्यादा से ज्यादा शारापोवा की टाइमलाइन पर जाकर सचिन की छवि मटियामेट करने में लगे हैं। खास बात यह है कि इनमें कुछ कॉमरेड हैं, कुछ कॉन्ग्रेस समर्थक और कई केरल के इस्लामी ट्रोल हैं।

यहाँ कुछ सोशल मीडिया अकाउंट हैं, जिन्होंने शारापोवा से गिड़गिड़ा कर माफी माँगी। 

कॉमरेड

केरल में वामपंथी पार्टियों में से एक दल लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के समर्थक सचिन तेंदुलकर पर निशाना साधने वाले पहले थे। हमने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि इस सूची में कई और नाम हैं।

ये कुछ माफी हैं, जो एलडीएफ समर्थकों ने शारापोवा के अकाउंट पर उनसे माँगी:

एक अन्य मुस्लिम यूजर व एलडीएफ के सक्रिय कार्यकर्ता ने शारापोवा को सॉरी कहा।

उबैद को देख पर भी ऐसा लगा कि वह भी इन वामपंथियों में से एक है।

आशिक इब्न ने तो तेंदुलकर को जोकर कहकर रूसी ख़िलाड़ी से माफी माँगी।

कॉन्ग्रेस समर्थक

इस सूची में केरल में विपक्ष में बैठी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट भी शामिल है, जिसका नेतृत्व कॉन्ग्रेस करती है। देश को शर्मसार करते हुए इसके लोगों ने मारिया के सामने गिड़गिड़ाकर माफी माँगी।

एक समर्थक ने लिखा कि शारापोवा सही कह रही थी कि वो सचिन को नहीं जानती। नियत ने इसे सही साबित कर दिया कि लोगों को सचिन को नहीं जानना चाहिए था।

लतीफ ने तो यहाँ तक कहा कि सचिन हर किसान को खारिज कर चुके हैं, जबकि सच्चाई यह है कि उन्होंने इस मुद्दे पर एक भी पोस्ट नहीं किया।

कई आप समर्थक भी शारापोवा की टाइमलाइन पर माफी माँगते दिखे।

इसके बाद इस्लामी ट्रोल्स ने भी सचिन के प्रति अपनी घृणा व्यक्त करने से गुरेज नहीं किया।

अब उक्त ट्वीट्स से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि केरल में अधिकतर सोशल मीडिया यूजर्स इस बात से खुश नहीं है भारतीय खेल के दिग्गज देश के साथ खड़े हों। उनका ये रवैया बताता है कि वह अपने राजीतिक नैरेटिव को बढ़ाने के लिए अपने देश के आत्मसम्मान के साथ भी खिलवाड़ कर सकते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया