₹408 Cr के बोगस शेयर, ₹154 Cr का फर्जी लोन, ₹86 Cr की गुप्त आय, कई फर्जी कंपनियाँ: सपा नेताओं पर IT रेड का कच्चा चिट्ठा

मनोज यादव, जैनेन्द्र यादव और राजीव राय जैसे सपा नेताओं के ठिकानों पर आईटी छापे (प्रतीकात्मक चित्र)

आयकर विभाग ने पिछले दिनों समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेताओं से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी (IT Raid) की थी। इसमें 68 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत आने वाले ‘केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT)’ ने जानकारी दी है कि कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट से जुड़े लोगों के ठिकानों पर 18 दिसंबर, 2021 को कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में छापेमारी की गई थी। इस दौरान कोलकाता के एक एंट्री ऑपरेटर के ठिकाने भी तलाशे गए थे।

इस दौरान उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के अलावा मैनपुरी एवं मऊ जैसे यूपी के जिले में भी छापेमारी हुई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ ठिकानों पर भी आईटी रेड पड़ी। इस दौरान बड़ी संख्या में डिजिटल और हार्ड कॉपी दस्तावेज बरामद किए गए, जो सबूत के रूप में कार्य करेंगे। डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि ये लोग अपने कारोबार के जरिए करोड़ों रुपए के फर्जी खर्चे दिखा रहे थे।

बैंक बिल बुक्स, हस्ताक्षर किए गए चेकबुक्स, स्टैम्प्स और बोगस सप्लाइज को जब्त किया गया है। एक मामले में तो कंपनी के निदेशकों की 86 करोड़ रुपयों की गुप्त आय का पता चला। उनमें से एक व्यक्ति ने अपनी 68 करोड़ रुपयों की गुप्त आय की बात कबूल की और साथ ही इस पर टैक्स देने की भी पेशकश की। कंपनी का टर्नओवर पिछले कुछ सालों में कैसे 150 करोड़ रुपए चला गया, इसके पक्ष में वो कुछ नहीं बता सके। आय और निवेश को छिपाने के लिए कई अन्य फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया गया।

ऐसे ही एक 12 करोड़ रुपयों के निवेश का पता चला, जिसके बारे में ये लोग कुछ नहीं बता सके। एक अन्य फर्जी कंपनी में 11 करोड़ के निवेश और 3.5 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति का भी पता चला। कोलकाता का एंट्री ऑपरेटर इन सब को छिपाने में इन लोगों की मदद कर रहा था। इसके लिए उसने 408 करोड़ रुपए के बोगस शेयर कैपिटल और 154 करोड़ रुपए का लोन इन फर्जी कंपनियों के जरिए सिक्योर करा लिया। हवाला लेनदेन से जुड़े कई दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।

अब बात करते हैं बेंगलुरु के ट्रस्ट की, जिसके 80 लाख रुपए के ऐसे लेनदेन का पता चला है जिसे डोनेशन के नाम पर नॉन-ट्रस्ट संस्थाओं को भेजा गया। ये संस्थाएँ हैं ‘मरकजू सकाफति सुन्निया ट्रस्ट’ और ‘मरकज नॉलेज सिटी’। अरब मुल्कों से जुड़ी केरल की इन संस्थाओं को व्यक्तिगत हित के लिए ये रुपए भेजे गए। ट्रस्टियों की 4.8 करोड़ रुपए की आमदनी और 10 करोड़ रुपयों के कैश का भी पता चला। ‘विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA)’ के तहत भी जाँच की जा रही है।

बता दें कि छापेमारी में मैनपुरी के मनोज यादव और लखनऊ के जैनेन्द्र यादव जैसे सपा नेताओं के ठिकाने भी तलाशे गए थे। हालाँकि, पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव इसे सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग बता रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ से तुलना की। बेंगलुरु में सपा के राष्ट्रीय सचिव सह प्रवक्ता राजीव राय का मेडिकल कॉलेज है। वहाँ और उनके मऊ स्थित आवास पर आयकर विभाग की छापेमारी को उन्होंने राजनीति से प्रेरित करार दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया