यं पालयसि धर्मं त्वं धृत्या च नियमेन च… माँ कौशल्या ने श्रीराम को दिया जो आशीर्वाद, तमिलनाडु में बुजुर्ग से PM मोदी को मिला वही आशीष: वायरल हुआ वीडियो

श्रीरंगम में पीएम नरेंद्र मोदी को तमिल पुजारी ने दिया रामायण वाला आशीर्वाद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाली राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले देश कई मंदिरों में पूजन अर्चन कर रहे हैं। वह 20 जनवरी को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के श्रीरंगम में श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर पहुँचे। यहाँ जाते हुए रास्ते में उन्हें एक अनोखा आशीर्वाद दिया गया। उनका स्वागत एक श्लोक से हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा की झलकियों को दिखाती हुई वीडियो भी सामने आई। इस वीडियो में दिखता है कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए श्रीरंगम की जनता सड़कों पर उमड़ आई है और लोग उनका स्वागत फूल बरसा के कर रहे हैं। इसी वीडियो में दिखता है कि रास्ते उन्हें आशीर्वाद देते हुए एक तमिल पुजारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक श्लोक पढ़ते हैं।

तमिल पुजारी द्वारा पढ़ा गया यह श्लोक अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिन्होंने यह श्लोक पढ़ा उनके विषय में भी जानकारी सामने आई है। उन्होंने जो श्लोक पढ़ा, उसके विषय में भी लोगों ने जानकारी इकट्ठा करके इसका स्रोत और अर्थ बताया। एक यूजर ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए श्लोक पढ़ने वाले पुजारी वाढ्यार कृष्ण कुमार हैं। वह तमिल परिवारों के लिए पारम्परिक पूजा अर्चना सम्पन्न करवाते हैं।

उनके द्वारा पढ़ा गया श्लोक है, “यं पालयसि धर्मं त्वं धृत्या च नियमेन च। स वै राघवशार्दूल धर्मस्त्वामभिरक्षतु।।” यह वाल्मीकि रामायण के अयोध्याकाण्ड में 25वें सर्ग का तीसरा श्लोक है। यह श्लोक माता कोशल्या ने प्रभु राम के लिए कहा है। यह उन्होंने प्रभु श्रीराम के वनगमन के मौके पर कहा। इसका अर्थ है, “आप जो कर्तव्य साहस और आत्म अनुशासन के साथ निभा रहे हैं, हे रघु के वंशजों में से एक सिंह, आपकी वही रक्षा करेंगे।” प्रधानमंत्री मोदी के लिए पढ़े गए इस श्लोक को एक्स (पहले ट्विटर) पर खूब प्रशंसा मिली।

प्रधानमंत्री मोदी श्रीरंगनाथ मंदिर पहुँचने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। वह आज (21 जनवरी, 2024) को भी तमिलनाडु में हैं और रामेश्वरम पहुँचे हैं। यहाँ प्रधानमंत्री मोदी ने कोथान्द्रस्वामी मंदिर में पूजा अर्चना की। प्रधानमंत्री मोदी ने अरिचल मुनइ में भी पूजा की। यहीं से रामसेतु चालू होता है, इसे प्रभु राम ने सेना के साथ मिलकर लंका पहुँचने के लिए बनाया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया