कर्नाटक में राज्यपाल द्वारा सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए दी गई समय-सीमा को नज़रंदाज़ किए जाने के बाद भी सियासी प्रहसन लगातार जारी है। एक ओर विधान सौधा (विधानसभा) अध्यक्ष केआर रमेश कुमार सदन के पटल पर बहुमत का परीक्षण हुए बगैर सदन को और स्थगित न करने के लिए अड़ गए हैं, वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने कहा कि आज (सोमवार, 22 जुलाई, 2019) को बहुमत परीक्षण मुश्किल है क्योंकि सत्तापक्ष सुप्रीम कोर्ट में गई याचिका पर कल संभावित सुनवाई का नतीजा पहले जानना चाहता है। इसी खींचतान के बीच देर शाम को मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी के बिना बहुमत परीक्षण के इस्तीफा देने की अटकलें उड़नी शुरू हो गईं हैं।
https://twitter.com/TimesNow/status/1153268771798151168?ref_src=twsrc%5Etfw‘मुझे बलि का बकरा न बनाओ’
सुप्रीम कोर्ट में बागी विधायकों के सरकार बचाने के आरोपों का सामना कर चुके स्पीकर रमेश कुमार आज सुबह से सदन को आज विश्वास मत निपटा लेने का आश्वासन पूरा करने का वादा याद दिलाते नज़र आए। पूरे दिन वह बार-बार सत्ता पक्ष के हुड़दंगी विधायकों को टोकते रहे। “हर कोई हमें देख रहा है। कृपया मुझे (सदन में विश्वास मत न हो पाने का) बलि का बकरा मत बनाइए। हमें आज अपने लक्ष्य (विश्वास मत पर मतविभाजन) तक पहुँचना है।”
https://twitter.com/htTweets/status/1153294244112523264?ref_src=twsrc%5Etfwअपडेट (रात 8:25): स्पीकर के चैंबर में मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री कुमारास्वामी, डिप्टी सीएम जी परमेश्वरा और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया समेत सदन के वरिष्ठ यूपीए नेताओं की स्पीकर के चैंबर में बैठक जारी है।
https://twitter.com/ANI/status/1153317572894478337?ref_src=twsrc%5Etfwखबर लिखे जाने तक बसपा के इकलौते विधायक भी सदन में नहीं पहुँचे हैं।